Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम के निकट योगा भवन में मंगलवार को आदिवासी भूमिज मुंडा चुआड़ सेना की अगुवाई में विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता हरेकृष्ण सिंह सरदार ने और संचालन सुधीर किस्कू ने किया. मौके पर वर्तमान में घट रही सामाजिक घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. विचार-विमर्श के बाद चार जून को चांडिल प्रखंड क्षेत्र के गांगुडीह फुटबॉल मैदान में आदिवासी आक्रोश जनसभा आयोजित करने का निर्णय लिया गया. जनसभा के आयोजन के लिए संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन का निर्माण किया गया. इस संगठन के बैनर तले होने वाली जनसभा में विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल होंगे.
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आदिवासियों के इतिहास को मिटाने की साजिस
मौके पर आदिवासी भूमिज मुंडा चुआड़ सेना के अध्यक्ष मानिक सरदार ने कहा कि जनसभा में आदिवासी समाज के हक-अधिकार, इतिहास, पहचान, जमीन-जायदाद और आदिवासी समाज की अस्तित्व बचाने पर पहल की जाएगी. तथाकथित कुड़मी समाज के नेताओं की ओर से आदिवासियों के वीर पुरुषों का अपमान किया जा रहा है. इतिहास को बदलने की कोशिश की जाएगी, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस अवसर पर सुधीर किस्कू ने कहा कि कुड़मी समाज के तथा कथित स्वयंभू नेताओं के द्वारा आदिवासियों के अस्तित्व को ही मिटाने की कोशिश की जा रही है. उन्हें मालूम होना चाहिए कि आदिवासी जब-जब जागा है तब-तब उलगुलान हुआ है. आदिवासियों के भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम ना करें. संविधान में आदिवासियों को मिले विशेष अधिकारों को भी छिनने का काम किया जा रहा है.
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इन संगठनों के प्रतिनिधि हुए शामिल
बैठक में आदिवासी भूमिज मुंडा चुआड़ सेना, पातकोम दिशोम माझी पारगाना माहाल, कुडुख विकास परिषद् चांडिल अनुमंडल, आदिवासी समन्वय समिति चांडिल अनुमंडल, भूमिज मुंडा कल्याण समिति नीमडीह इकाई, आदिवासी मुंडा समाज जमशेदपुर, कोल्हान आदिवासी एकता मंच, बिरसा सेना जमशेदपुर, आदिम डेवलपमेंट सोसाइटी, अखिल भारतीय भूमिज मुंडा कल्याण समिति, आदिवासी लोहरा समिति चांडिल अनुमंडल के प्रतिनिधि शामिल हुए. जनसभा में चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्र सरायकेला, गम्हरिया, पटमदा, घाटशिला, जमशेदपुर, तमाड़, बुंडू, चाईबासा आदि क्षेत्र से भी आदिवासी शामिल होंगे.