Chandil (Dilip Kumar) : झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सह अलग झारखंड आंदोलन के मुख्य धुरी रहे सारिगत बिनोद बिहारी महतो ने जिस परिकल्पना के साथ अलग राज्य का आंदोलन किया वह अबतक अधूरा है. उन्होंने शिक्षित व विकसित झारखंड का सपना देखा था. उक्त बातें घोड़ानेगी पंचायत के पंचायत समिति सदस्य छुटुलाल महतो ने कही. उन्होंने कहा कि बिनोद बाबू ने ही कहा था लड़ना है तो पढ़ना होगा.
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उनकी 101वीं जयंती समारोह के अवसर पर चांडिल प्रखंड अंतर्गत घोड़ानेगी चौक का नाम सारिगत बिनोद बाबू चौक रखा गया. घोड़ानेगी से शुरू होने वाली एनएच 32 बाईपास सड़क और एनएच 33 के मिलने वाले स्थान पर सोमवार को सारिगत बिनोद बाबू चौक का बोर्ड लगाया गया. अब से उक्त चौक विनोद बाबू चौक के नाम से जाना जाएगा. सोमवार को बोर्ड लगाने वालों में मुख्य रूप से आमीन महतो, कमलेश महतो, सुभाष मुतरुआर, मनीष गुलियार, सारिआन काड़ुआर, सीताराम हसतुआर, चंद्र महतो, देवाशीष मुतरुआर आदि शामिल रहे.
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