- संवेदकों के लिए दुधारू गाय बन गया है अनुमंडलीय अस्पताल भवन
Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल प्रखंड के गांगुडीह स्थित अनुमंडलीय अस्पताल भवन के पुन निर्माण कार्य का भूमि पूजन, शिलान्यास रविवार को विधायक सविता महतो ने किया. विधायक सविता महतो की पहल के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य योजनांतर्गत चांडिल के अर्धनिर्मित अनुमंडलीय अस्पताल भवन को पुनर्विकसित करने के लिए 17 करोड़ 51 लाख 56 हजार 700 रुपये की लागत पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. भवन निर्माण का कार्य स्वीकृत्यादेश निर्गत किए जाने के 18 माह के भीतर संपन्न कराया जाना है.
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वहीं शिलापट्ट में निविदा राशि अंकित नहीं रहने के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति है. लोगों का कहना है कि लगभग डेढ़ दशक पूर्व यहां अनुमंडल अस्पताल भवन बनाने की कवायद शुरू हुई थी. भवन तो नहीं बन पाया लेकिन करोड़ों के घोटाले जरूर सामने आ गए. भवन बनाने वाले अभियंता जांच के घेरे में आ गए हैं. मौके पर विधायक ने कहा कि उनका प्रयास है कि जल्द अस्पताल शुरू हो और लोगों को इसका लाभ मिले.
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पूर्व मुख्यमंत्री के मामा ने किया विरोध
तामझाम के साथ की गई शिलान्यास के बाद ही भवन निर्माण की जांच की मांग शुरू हो गई है. वहीं, भवन में घटिया किस्म के सामग्री उपयोग किए जाने पर भी विरोध किया गया. शिलान्यास दौरान झामुमो नेता सह पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के मामा गुरुचरण किस्कू ने अस्पताल भवन में उपयोग किए जा रहे फ्लाईएस ईंट को लेकर विरोध जताया. उन्होंने अभियंता को फ्लाईएस ईंट उपयोग करने से मना किया. गुरुचरण किस्कू ने कहा कि वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे. विभागीय आदेश होने पर ही फ्लाईएस ईंट लगाने दिया जाएगा.
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वहीं, मुखिया प्रतिनिधि बनु सिंह सरदार ने भवन निर्माण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि बार-बार अस्पताल भवन निर्माण के नाम पर निविदा निकाली जाती हैं और शिलान्यास किया जाता हैं, लेकिन आजतक भवन निर्माण कार्य अबतक पूरा नहीं हुआ है. संवेदकों के द्वारा आधा-अधूरा काम करके छोड़ दिया जाता है, लेकिन उनपर विभागीय कार्रवाई तक नहीं होती हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल भवन निर्माण के नाम पर अधिकारी और संवेदक लूट-खसोट कर रहे हैं.
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अब तक अनुपयोगी है खर्च की गई राशि
चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल भवन निर्माण के लिए 19 अगस्त 2008 को चार करोड़ सात लाख 77 हजार रुपये की लागत से योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. योजना पर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल द्वारा कार्य कराया जा रहा था. अनुसूचित दर में बदलाव के कारण कुल चार करोड़ 95 लाख 14 हजार रुपये का पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति का प्रस्ताव जिले के उपायुक्त की ओर से दिया गया था. लेकिन बिना स्वास्थ्य विभाग के अनुमति या पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त किए निर्माण कार्य कराए जाने के कारण भवन निर्माण कार्य अधूरा रह गया और निर्माण कार्य में खर्च की गई राशि अनुपयोगी हो गई. इसके लिए संबंधित अभियंताओं के विरुद्ध प्रपत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई चल रही है.
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इसके बाद 2019 में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से भवन निर्माण कार्य को पूरा करने एवं मरम्मत करने का निविदा निकाली गई थी और शिलान्यास भी हुआ था. लेकिन, इस बार भी भवन निर्माण पूरा नहीं हुआ. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद कई बार प्राक्कलन राशि बदलता गया और लागत बढ़ती गई, इसके बावजूद अस्पताल भवन अबतक अधूरा ही है. अनुमंडलीय अस्पताल ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के आवश्यकताओं में से एक है.
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चांडिल : मोबिलाइजर व फेसिलीटर के चयन में अनियमितता का आरोप
Chandil (Dilip Kumar) : कुकडू प्रखंड के पारगामा पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव पर सरकारी आदेश का उलंघन कर मोबिलाइजर व फेसिलीटर का चयन करने का आरोप लगा है. ग्रामीणों ने इसको लेकर विरोध जताया है. वहीं, इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी और जिले के उपायुक्त से करने की तैयारी कर रहे है. बताया जा रहा है कि पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के सभी पंचायत में एक-एक मोबिलाइजर व फेसिलीटर का चयन करने का आदेश जारी किया है.
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विभागीय पत्र में कहा गया है कि ग्रामसभा आयोजित कर पंचायत के सक्रिय स्वंयसेवकों में से ही इसका चयन किया जाना है. लेकिन, पारगामा पंचायत में विभागीय आदेश के विरुद्ध मुखिया लालू मांझी और पंचायत सचिव तुलसी हेम्ब्रम ने मिलकर बगैर ग्रामसभा के अपने मन मुताबिक दो स्वंयसेवक का चयन कर दिया है. इस दौरान एक भी ग्रामप्रधान उपस्थित नहीं थे. ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी और उपायुक्त को पूरे मामले की लिखित शिकायत की जाएगी.
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