Chandil (Dilip Kumar) : अपराध नियंत्रण को लेकर एक ओर जहां जिला पुलिस कप्तान द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमों से आपराधिक प्रवृति के लोगों में खौफ है. वहीं दूसरी ओर प्रलिस-प्रशासन के सख्त कदमों को ठेंगा दिखाते हुए चांडिल-चौका क्षेत्र में अवैध लॉटरी का गोरखधंधा एक बार फिर तेजी से अपना पांव पसार रहा है. अवैध नकली लॉटरी के चंगुल में फंसकर युवा वर्ग के अलावा दिहाड़ी मजदूर, दुकानदार, ऑटो चालक, सब्जी बिक्रेता आदि अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं. चौक-चौराहों पर चाय की दुकान, होटल, सैलून आदि स्थानों में अवैध नकली लॉटरी का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है. बताया जा रहा है कि राजनीतिक दलों से जुड़े रहने के कारण पुलिस-प्रशासन क्षेत्र में अवैध रूप से नकली लॉटरी का गोरखधंधा चलाने वालों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है.
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सात लोग भेजे गए थे जेल
अनुमंडल क्षेत्र के चांडिल स्टेशन चौक और चांडिल बाजार में चांडिल व नीमडीह थाना की पुलिस द्वारा अवैध लॉटरी के खिलाफ चलाए गए छापामारी अभियान में सात लोग पकड़े गए थे. अवैध नकली लॉटरी के कारोबार से जुड़े रहने के आरोप में नीमडीह थाना की पुलिस ने तीन और चांडिल थाना की पुलिस ने चार लोगों को जेल भेजा था. इस कार्रवाई में चांडिल की तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी ने महती भूमिका निभाई थी. पकड़ाए लोगों ने अपने-अपने संचालक का नाम भी बताया था, लेकिन उनके खिलाफ अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकी है. वहीं कार्रवाई के माह भर ही बीता है कि क्षेत्र में तेजी के साथ अवैध नकली लॉटरी का गोरखधंधा दोबारा छा गया. बताया जा रहा है कि अब इस गोरखधंधे से जुड़े कारोबारियों की संख्या भी बढ़ गया है.
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बढ़ रहा पारिवारिक विवाद
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अबाध रूप से चल रहे लॉटरी के गैर कानूनी धंधे के कारण परिवारों में कलह बढ़ता जा रहा है. लोगों का कहना है कि इस गोरखधंधे की दलदल में फंसकर युवा वर्ग अपना भविष्य अंधकार बना रहे हैं. गरीब मजदूरों की खून-पसीने की कमाई रातों-रात लखपति बनने की लालच में स्वाहा हो रही है. गैर कानूनी रूप से संचालित लॉटरी के इस गोरखधंधे ने कई परिवार को तबाह कर दिया है. लोगों का कहना है कि क्या पुलिस-प्रशासन को इसकी खबर नहीं है कि लोग किस काले कारनामे की दलदल में फंस रहे हैं, क्या इसकी जानकारी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को नहीं है. जनता जानना चाह रही है कि क्या उनकी भी संलिप्तता इस गौरखधंधे में तो नहीं है. आखिर क्यों जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी इस गौरखधंधे को नहीं रोक पा रहे हैं.
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