Chandil (Dilip Kumar) : सरायकेला-खरसावां जिले का कुकड़ू प्रखंड प्रभार पर चल रहा है. इस प्रखंड में ना प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) की पदस्थापना है और ना अंचल अधिकारी (सीओ) की. प्रखंड कार्यालय का सभी प्रमुख पद प्रभार पर चल रहा है. ऐसे में सरकार के जनहित के कार्यों को धरातल पर उतार कर जनता तक पहुंचाने का काम नहीं हो पा रहा है. इस वर्ष जनवरी से ईचागढ़ प्रखंड में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी कुकडू प्रखंड के अतिरिक्त प्रभार में हैं. प्रतिनियुक्त पदाधिकारी रहने के कारण प्रखंड स्तरीय सरकार की जनकल्याण विकास मूलक योजनाओं की सुचारू रूप से क्रियान्वयन, निष्पादन व समीक्षा नहीं हो पा रही है. वहीं आम जनता को प्रतिदिन कई महत्वपूर्ण कार्यों को लेकर कार्यालय आना पड़ता है. पदाधिकारी नहीं रहने के कारण उनके कार्यों पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसके कारण आम जनता में रोष देखी जा रही है. अति पिछड़ा प्रखंड होने के कारण इसे आकांक्षी प्रखंड के रूप में चिन्हित किया गया है.
इसे भी पढ़ें : Bahragoda : ईदगाह में नमाज अदा कर गले मिल दी बधाई
कार्यों के निष्पादन में हो रही कठिनाई
कुकडू प्रखंड बने 14 साल बीत गए हैं. वर्ष 2009 में ईचागढ़ के पांच और नीमडीह के चार पंचायतों को मिलाकर कुकड़ू को नया प्रखंड के रूप में सृजन किया गया था. लेकिन अभी तक कुछ विभाग में कर्मचारी, पदाधिकारी और पर्यवेक्षक का पद सृजित नहीं किया गया है. वर्तमान में कुकड़ू प्रखंड कार्यालय में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी के साथ एक भी प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षक पदस्थापित नहीं हैं. इन पदाधिकारी व सुपरवाइजर का पद रिक्त रहने के कारण सरकार की महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं का सुचारू रूप से संचालन एवं आम जनता के विभिन्न कार्यों का त्वरित निष्पादन के साथ प्रखंड का सर्वांगीण विकास के लिए रिक्त पदों पर नियमानुसार पदस्थापना आवश्यक है.
इसे भी पढ़ें : Chandil : एनएच पर कार के साथ टक्कर के बाद दो हिस्सों में बंटा ट्रैक्टर
जिप उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
सरायकेला-खरसावां की जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो अपने निर्वाचन क्षेत्र कुकड़ू में सरकारी पदाधिकारियों के पदस्थापना नहीं होने से नाराज हैं. उन्होंने इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस मामले में उन्होंने जिले के उपायुक्त और उप विकास आयुक्त से मिलकर भी चर्चा की है. उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर कुकडू प्रखंड है. यहां पदाधिकारी और पर्यवेक्षकों के नहीं रहने के कारण विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. ऐसे में सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक सुचारू रूप से पहुंचाने में दिक्कत हो रही है. वहीं जिप उपाध्यक्ष ने कुकडू प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्वीकृत करते हुए स्थायी चिकित्सक की पदस्थापना करने की मांग की है.
Leave a Reply