Chandil (Dilip Kumar) : कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने और प्रकृति धर्म कोड लागू करने की मांग पर 20 सितंबर से आदिवासी कुड़मी समाज अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन शुरू कर रही है. अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन झारखंड के अलावा ओड़ि्शा और पश्चिम बंगाल में एक साथ चलेगा. 20 सितंबर सुबह छह बजे से झारखंड के नीमडीह, घाघरा, मुरी व गोमो रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल के कुशटांढ़ व खेमाशूली और ओड़िशा के जराइकेला, जामशुली और भंजपुर में प्रारंभ होगी. इसकी जानकारी आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय महासचिव सुनील कुमार गुलिआर ने दी.
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रेल लाइन पर ही मनाया जाएगा करम परब
चांडिल प्रखंड अंतर्गत कदमडीह स्थित कार्यालय परिसर में आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से समाजसेवी अशोक पुनअरिआर की अध्यक्षता में नीमडीह स्टेशन में अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन को लेकर संवाददाता सम्मेलन किया गया. मौके पर समिति के केंद्रीय महासचिव सुनील कुमार गुलिआर, प्रदेश अध्यक्ष पदमालोचन महतो, जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो समेत अन्य लोग शामिल हुए. इस अवसर पर केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर ने कहा कि इन मांगों को लेकर 73 वर्षों से कुड़मी जनजाति आंदोलन करते आ रहे हैं. केंद्र की सरकारें हमें मजबूर कर रही है कि अपनी हक एवं संवैधानिक अधिकार की लड़ाई के लिए रेल टेका व डहर छेंका आंदोलनों के कारण कुड़मी समाज के लोग घर-घर से निकल पड़े हैं. करम परब सामने है और इधर अनिश्चितकालीन रेल टेका आंदोलन, इसलिए रेल लाइन पर ही करम परब मनाने का संकल्प लिया है.
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सटीक निर्णय और समाधान की मांग
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या 1950 में आदिवासी पैदा हुआ? क्या उसके पहले आदिवासी नहीं था? 1913 में जब कोई रिजर्वेशन नहीं था, कोई आरक्षण नहीं था, कोई प्रतिनिधित्व का अधिकार आदिवासियों को नहीं था, उस समय कुड़मियों को आदिवासी माना है. जब झाड़खंड अलग राज्य का आंदोलन जोर-शोर से चली, तब गृह मंत्रालय ने लाली कमीशन बनाकर कुड़मियों को गैर सरकारी आदिवासी माना है. तो अब सरकारी आदिवासी बनाने की मांग पर सरकार को परेशानी क्यों हो रही है? इन सारे सवालों के साथ समाज के लोग रेल लाइन और सड़क पर उतर रहे हैं, अब सटीक निर्णय और समाधान के बाद ही सभी रेल लाइन से हटने का फैसला लेंगे. मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पदमालोचन महतो, जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो, समाजसेवी अशोक पुनअरिआर, गुणधाम मुतरुआर, जयचांद बांसरिआर, शंभूनाथ केटिआर, देवेंद्रनाथ जालबानुआर, दिलीप चिलबिंधा, शीतल पुनअरिआर, राम प्रसाद पुनअरिआर आदि उपस्थित थे.
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नीमडीह स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लागू
आदिवासी कुड़मी समाज की ओर 20 सितंबर से नीमडीह स्टेशन में घोषित अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाया है. चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा के द्वारा जारी निषेधाज्ञा मंगलवार की शाम छह बजे से ही लागू हो गया है. धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा के दौरान उस क्षेत्र में पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह पर जमा होना या चलना, किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना, किसी भी प्रकार हर्वे हथियार लेकर चलना, किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा करना, किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करना वर्जित रहेगा. यह आदेश सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी व कर्मी पर लागू नहीं होगा.
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