Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम के डुब क्षेत्र में रहने वाले विस्थापितों की मुसीबत अब भी कम नहीं हुई है. डैम का जलस्तर अब भी 183 मीटर पर स्थित है. सोमवार को सुबह चांडिल डैम का जलस्तर 183.10 मीटर दर्ज किया गया था. चांडिल डैम के आठ रेडियल गेटों को डेढ़-डेढ़ मीटर खोला गया है. रविवार से खुले आठ गेटों से डैम का पानी अब भी डिस्चार्ज हो रहा है. चांडिल डैम का पानी नहीं घटने पर ईचागढ़ समेत दर्जनों गांवों के सैकड़ों विस्थापित परिवार अब भी पानी से घिरे हुए हैं. इन गांवों में नाव व ट्यूब ही आवागमन का सहारा बना हुआ है.
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आवगमन के लिए बनाया गया रास्ता
करकरी नदी पर बने पुल से पुराना हाई स्कूल तक सीधी जाने वाली सड़क पर आवागम शुरू करने के लिए सड़क पर मिट्टी व क्रशर डस्ट डाला गया. ईचागढ़ गांव के किनारे से होकर गुजरने वाली इस सड़क पर अस्थायी रूप से आवागमन शुरू होने से ईचागढ के आठ पंचायत के अलावा कुकडू प्रखंड क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी. इस सड़क पर आवागमन शुरू होने से डैम के जल भंडारण का असर वैसे गांवों के लोगों पर नहीं होगा, जहां डैम का पानी नहीं पहुंचता हो. ईचागढ़ गांव के जलमग्न होने से उसके आगे के आठ पंचायत के लोगों का रास्ता अवरूद्ध हो जाता था. इसके साथ ही कुकडू को सीधे ईचागढ प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क चांडिल डैम में पानी बढ़ने के बाद भी सुचारू रहेगी. सड़क पर आवागमन शुरू करने के लिए चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा ने रविवार रात से ही मिट्टी डलवाना शुरू करवाया था. सोमवार शाम तक सड़क को आवागमन के लायक बना दिया गया था.
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जिप सदस्य ने किया विभिन्न गांवों का दौरा
डैम के जलस्तर की स्थिति यथावत बने रहने के बीच सोमवार को ईचागढ़ भाग दो के जिला परिषद सदस्य ज्योति लाल माझी ने पानी से डूबे व प्रभावित दर्जनों गांवों का दौरा किया. उन्होंने विस्थापितों की जान-माल की सुरक्षा के लिए यथाशीघ्र सरकार व संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सभी मामलोंं के समाधान करने की मांग करने की बात कही. जिप सदस्य ने कहा कि पत्राचार से अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो जनहित में विस्थापितों के अधिकार के लिए संघर्ष करेंगे. उन्होंने कहा कि विस्थापितों को अगर समय पर न्याय नहीं मिलेगा तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
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बाढ़ प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने का किया आग्रह
उन्होंने प्रशासन से सभी बाढ़ प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने का आग्रह किया, ताकि किसी भी विस्थापित परिवार को जल भंडारण से उत्पन्न स्थिति में परेशानी ना हो. जिप सदस्य ज्योति लाल माझी ने बताया कि दौरे के क्रम में उन्हें ज्ञात हुआ कि आदिवासी बहुल गांव बांदड़ीह में अबतक एक भी पीएम आवास का निर्माण नहीं हुआ है, जो आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है. दौरे के क्रम में उनके साथ सनिक माझी, बुद्धेश्वर किस्कु, श्यामल पाल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.