Chandil (Dilip Kumar) : आकांक्षी प्रखंड के तहत नीति आयोग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उद्देश्य बगैर स्थायी पदाधिकारियों के कैसे पूरे होगा. आखिर नीति आयोग की योजनाओं को धरातल पर कौन उतारेगा. क्या प्रभार के पदाधिकारी मूल पदस्थापना वाले प्रखंड के अलावा प्रभार वाले प्रखंड का सारा काम एक साथ कर्मठता के साथ कर पाएंगे. नीति आयोग देश के पिछडे जिले और प्रखंडों के समग्र विकास के लिए आकांक्षी कार्यक्रम चला रहा है. चयनित जिला और प्रखंडों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. सरायकेला-खरसावां जिला के पिछड़े प्रखंड कुकड़ू का चयन भी आकांक्षी प्रखंड के रूप में किया गया है. लोगों के साथ पूरे क्षेत्र के विकास के लिए यहां संपूर्णता अभियान प्रारंभ किया गया है. संपूर्णता रथ रवाना किया गया है, जो प्रत्येक गांव में जाकर लोगों को सरकार की योजनाओं की जानकारी देगा और उसका लाभ लेने के लिए प्रेरित करेगा. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सह सांसद संजय सेठ ने कुकड़ू प्रखंड मुख्यालय में संपूर्णता अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को अलग-अलग क्षेत्र में कुशलता और रूचि के आधार पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसी योजनाएं चला रहे हैं. छह इंडिकेटर्स में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि एवं सामाजिक क्षेत्र में सुधार शामिल है. प्रखंड क्षेत्र में छह इंडिकेटर में प्रगति लाने के लिए विशेष गतिविधियों व कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें : Ghatshila : सावन की तैयारी को लेकर मऊभंडार शिव मंदिर में बैठक
बगैर पदाधिकारियों के कैसे सफल होगा अभियान
क्या सरकार का यह अभियान कुकडू प्रखंड क्षेत्र में सफल हो पाएगा? क्या अभियान शुरू करने से पहले सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. सरकार के विकासोन्मुखी योजनाओं को आखिर धरातल पर कौन उतारेगा. सरकार स्वयं कुकड़ू प्रखंड को वैशाखी पर चला रही है और दौड़ में प्रथम आने की उम्मीद पाले बैठी है. कुकड़ू प्रखंड बने 14 साल बीत गए हैं. वर्ष 2009 में ईचागढ़ के पांच और नीमडीह के चार पंचायतों को मिलाकर कुकड़ू को नया प्रखंड बनाया गया था. वर्तमान में प्रभार पर चल रहे कुकडू प्रखंड में ना प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) की पदस्थापना है और ना अंचल अधिकारी (सीओ) की. प्रखंड कार्यालय का सभी प्रमुख पद प्रभार पर चल रहा है. कुकड़ू प्रखंड कार्यालय में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी के साथ एक भी प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षक पदस्थापित नहीं हैं. इस वर्ष जनवरी से ईचागढ़ प्रखंड में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी कुकड़ू प्रखंड के अतिरिक्त प्रभार में हैं. प्रतिनियुक्त पदाधिकारी रहने के कारण प्रखंड स्तरीय सरकार की जनकल्याण के विकास मूलक योजनाओं की सुचारू रूप से क्रियान्वयन, निष्पादन व समीक्षा नहीं हो पा रही है. कुकड़ू प्रखंड का अगर सर्वांगीण विकास करना है तो सबसे पहले यहां पदाधिकारियों का पदस्थापना करना होगा.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : तालसा में अच्छी वर्षा व सुख समृद्धि के लिए की गई आषाढ़ी पूजा
तीन महीने में प्रखंड काे मॉडल बनाने का लक्ष्य
कुकड़ू प्रखंड में छह इंडिकेटर्स पर फोकस करते हुए आकांक्षी प्रखंड कुकड़ू को मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा गया है. मालूम हो कि यह कार्यक्रम 30 सितंबर तक चलाई जाएगी. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नीति आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित छह इंडिकेटर्स पर लोगों को जागरूक करना है और योजनाओं का लाभ आम लोगों को देना है. छह इंडिकेटर के तहत किए जाने वाले कार्यों में प्रसव पूर्व देखभाल, पंजीकृत गर्भवतियों, मधुमेह की जांच कराने वाले लोगों, उच्च रक्तचाप की जांच कराने वाले लोगों, पूरक पोषण लेने वाली गर्भवती महिलाओं, मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड बनाने वालों, रिवाल्विंग फंड लेने वालों, स्वयं सहायता समूहों का प्रतिशत आदि मुख्य हैं. कुकडू प्रखंड में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. यहां पूरे प्रखंड में एक भी सरकारी चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. आकांक्षी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पिछड़े प्रखंड का विकास करना है.
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/sarla.jpg)
Leave a Reply