New Delhi : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाये जाने की खबर है. फटकार सनातन धर्म पर टिप्पणी करने के मामले में लगी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप एक मंत्री हैं. आपको ऐसा करने का अंजाम मालूम होना चाहिए. जान लें कि उदयनिधि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सरकार में मंत्री हैं. पिछले साल सितंबर में उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोनावायरस और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Supreme Court questions Tamil Nadu minister Udhayanidhi Stalin over his remarks about ‘Sanatana Dharma’.
“You are not a layman. You are a minister. You should know the consequences,” Supreme Court tells Stalin‘s lawyer, who moved apex court seeking clubbing of multiple FIRs… pic.twitter.com/dQExYzdyEU
— ANI (@ANI) March 4, 2024
कोर्ट ने उदयनिधि से कहा, आपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है…
खबरों के अनुसार उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर दिये बयान को लेकर उनके खिलाफ दर्ज FIR को क्लब कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्टालिन से कहा कि वह एक मंत्री हैं और उन्हें अपनी टिप्पणी के परिणाम पता होने चाहिए थे. पीठ ने कहा, आपने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(अ) के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है.
आपने अनुच्छेद 25 के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है
आपने अनुच्छेद 25 के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है, अब आप अनुच्छेद 32 (उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने) के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या आप अपनी टिप्पणी के नतीजे नहीं जानते थे? आप आम आदमी नहीं हैं. आप एक मंत्री हैं. आपको पता होना चाहिए था कि इस तरह की टिप्पणी का क्या परिणाम होगा.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक के प्रमुख एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय तथा समानता के खिलाफ है और उसका विनाश’ किया जाना चाहिए.
स्टालिन के खिलाफ छह राज्यों में मामले दर्ज हैं
उदयनिधि स्टालिन का पक्ष रख रहे एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कहा कि वह बयान को उचित नहीं करार रहे हैं. । उन्होंने कहा कि स्टालिन के खिलाफ छह राज्यों में मामले दर्ज हैं. हम सिर्फ उन्हें एकसाथ करने की अपील कर रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें संबंधित हाईकोर्ट में जाने की सलाह दी. यह सुन कर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, उन्हें छह उच्च न्यायालयों का रुख करना पड़ेगा. दलील दी कि वे लगातार इस काम में उलझे रहूंगे. यह भी कहा कि यह अभियोजन से पहले उत्पीड़न होगा.
इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी
सुनवाई के क्रम में सिंघवी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी, अमीष देवगन, भाजपा नेता नूपुर शर्मा और मोहम्मद जुबैर से जुड़े मामलों का जिक्र किया. एडवोकेट सिंघवी द्वारा बार-बार यह कहने पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने की हामी भरी. इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
[wpse_comments_template]