Saurav Singh
Ranchi : नक्सल विरोधी अभियान में लगे राज्य के 85191 जवानों और अधिकारियों की बीमा के लिए कंपनियां नहीं मिल रही हैं. इसे लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय पिछले चार महीने में तीन बार टेंडर जारी कर बीमा कंपनियों को आमंत्रित कर चुका है. लेकिन अबतक किसी भी बीमा कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है.
चार महीने के दौरान तीन बार टेंडर जारी किया जा चुका है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने जवानों और अधिकारियों की बीमा के लिए तीन बार टेंडर जारी किया. सबसे पहली नोटिस 13 मार्च 2022 को किया गया था. फिर 6 जुलाई 2022 को जारी किया गया और एक बार फिर से 18 जुलाई 2022 को नोटिस जारी किया गया. मुख्यालय की ओर से 13 मार्च को जो नोटिस जारी किया गया था. उसमें कहा गया था कि नक्सल अभियान में शामिल सुरक्षा बल के अधिकारियों और जवानों का 48 लाख रुपये का बीमा होगा. यह बीमा वर्ष 2022-23 के लिए मान्य है. इसके लिए बीमा कंपनियों को 31 मार्च तक टेंडर भरने का वक्त दिया गया था.
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बीमा राशि बढ़ाकर 55 लाख की गई
झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान में लगे 85191 जवानों-अधिकारियों के लिए इस वर्ष बीमा राशि 48 लाख से बढ़ाकर 55 लाख रुपये की गयी. जिससे इस वर्ष बीमा राशि में सात लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई. 6 जुलाई को नोटिस भी जारी की गई थी और इसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई को तय की गई थी. लेकिन इस दौरान भी किसी बीमा कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई.
फिर से जारी की गयी है नोटिस
झारखंड मुख्यालय ने 85191 जवानों-अधिकारियों के लिए 55 लाख रुपये का बीमा के लिए 18 जुलाई को फिर से नोटिस जारी किया. साथ ही टेंडर भरने की अंतिम तिथि 25 जुलाई तक तय की गई है, अब इस दौरान देखना है कि कोई कंपनियां बीमा करने में अपनी रुचि दिखाती है या नहीं.
इस वर्ष बीमा के लिए क्या है पुलिस मुख्यालय की शर्तें
कुल बीमा राशि : 55 लाख रुपये
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान मृत्यु होने पर : 100 प्रतिशत
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान निश्शक्त होने पर : 100 प्रतिशत
अभियान के दौरान दो अंग भंग होने, या दो आंख नष्ट होने या एक अंग व एक आंख भंग होने पर : 100 प्रतिशत
अभियान के दौरान एक अंग या एक आंख नष्ट होने पर : 50 प्रतिशत
स्थाई रूप से निश्शक्त होने पर : आइआरडीए के नियम के अनुसार,
अभियान के दौरान जख्मी होने पर निजी या सरकारी अस्पताल में भर्ती होने पर : कम से कम 20 लाख रुपये, इसमें एंबुलेंस खर्च आदि शामिल कैशलेश ट्रांजेक्शन की सुविधा
अभियान के दौरान पुलिसकर्मी की मृत्यु की स्थिति में उनके दो बच्चों की शिक्षा के लिए कम से कम पांच लाख रुपये या अगले पांच साल तक के लिए शिक्षा शुल्क तुरंत.
शव ले जाने के लिए : कम से कम 50 हजार रुपये.
अभियान के दौरान सड़क दुर्घटना या अन्य दुर्घटना होने पर मृत्यु की स्थिति में 20 लाख रुपये व इलाज के लिए साढ़े सात लाख रुपये.
अभियान के दौरान सांप काटने, मलेरिया या कोरोना होने पर मौत की स्थिति में 20 लाख रुपये व इलाज की स्थिति में साढ़े सात लाख रुपये.
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