Ranchi : झारखंड जनाधिकार महासभा का प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों के साथ गुरुवार को गृह सचिव से मिला. पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार समेत कई जिलों से आये पीड़ितों ने विभिन्न तरीकों से किए जा रहे दमन से उन्हें अवगत कराया. कई मामलों की विस्तृत जानकारी गृह सचिव को दी गयी. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि निर्दोष आदिवासी-वंचितों को माओवादी घटनाओं के मामलों में फर्जी रूप से फंसाया जा रहा है. उनलोगों का मानसिक व शारीरिक शोषण किया जा रहा है. लेकिन हेमंत सोरेन सरकार इन मुद्दों पर चुप्पी साधी हुई है. मौके पर अलोका कुजूर, अनिल सिंह, एलिना होरो, जीरामनी देवी, लालमोहन सिंह, मोहम्मद शादाब व सिराज शामिल थे.
प्रतिनिधिमंडल ने गृह सचिव से की मांग
- पुलिस व सुरक्षा बलों की हिंसा के पीड़ितों द्वारा दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
- नक्सल विरोधी अभियानों की आड़ में सुरक्षा बलों द्वारा लोगों को परेशान न किया जाए. लोगों पर फर्जी आरोपों पर मामला दर्ज करना पूरी तरह से बंद हो. बिना ग्राम सभा की सहमति के लगाए गए सुरक्षा बलों के कैंप को हटाया जाए..
- राज्य मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग को पुन; खोला जाए. आयोग की कार्यप्रणाली जनता के लिए सुलभ हो.
- महिलाओं के लिए सिंगल विन्डो शिकायत निवारण प्रणाली बनाई जाए.
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