Chennai : तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने रविवार को कथित तौर पर कहा था कि भारत में धर्मनिरपेक्षता की कोई आवश्यकता नहीं है. उनके इस बयान पर सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विरुधुनगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मणिकम टैगोर ने आलोचना की है. तमिलनाडु के राज्यपाल ने रविवार को कन्याकुमारी में एक समारोह में कहा था, इस देश के लोगों के साथ बहुत धोखाधड़ी हुई है और उनमें से एक यह है कि उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याख्या करने की कोशिश की है राज्यपाल ने कहा था,धर्मनिरपेक्षता का क्या मतलब है? धर्मनिरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा (कॉन्सेप्ट) है. यह भारतीय अवधारणा नहीं है.
My views on the statement of Tamilnadu Governor Ravi. pic.twitter.com/S5CT7LUaer
— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) September 23, 2024
यूरोप मेंधर्मनिरपेक्षता इसलिए आयी क्योंकि चर्च और राजा के बीच लड़ाई हुई थी
यूरोप में, धर्मनिरपेक्षता इसलिए आयी क्योंकि चर्च और राजा के बीच लड़ाई हुई थी… भारत धर्म से दूर कैसे हो सकता है? धर्मनिरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा है और इसे वहीं रहने दें. भारत में, धर्मनिरपेक्षता की कोई आवश्यकता नहीं है. उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, धर्मनिरपेक्षता पर तमिलनाडु के राज्यपाल का बयान अस्वीकार्य है. यह भारत के संविधान और महात्मा गांधी, बाबासाहेब अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल के भारत के विचार के भी खिलाफ है. उन्होंने कहा, विदेशों में धर्मनिरपेक्षता का विचार भले ही अलग हो, लेकिन भारत में हम सभी अन्य धर्मों का सम्मान करते हैं, हम सभी अन्य परंपराओं का सम्मान करते हैं. हम सभी अन्य प्रथाओं का सम्मान करते हैं और यही भारत में धर्मनिरपेक्षता का विचार है.
भाजपा अन्य धर्मों और परंपराओं का अपमान करना चाहती है
भाजपा और अन्य संबद्ध संगठन भारत में धर्मनिरपेक्षता के इस विचार के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा अन्य धर्मों और परंपराओं का अपमान करना चाहती है. भारत की परंपरा ऐसी नहीं है. उन्होंने कहा, “हम विविधता का जश्न मनाना चाहते हैं, हम अन्य धार्मिक मान्यताओं का जश्न मनाते हैं, हम अन्य परंपराओं, अन्य भाषाओं और अन्य प्रथाओं का जश्न मनाते हैं और यही भारत की धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा है. मणिकम टैगोर ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल रवि संविधान के खिलाफ बोल रहे हैं. भाजपा और आरएसएस भारत के संविधान को बदलने के पक्ष में हैं, जो बाबा साहेब अंबेडकर की सोच पर आधारित है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐसा कभी नहीं होने देगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल रवि ने अपनी सीमाएं लांघ दी हैं.