NewDehi : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा जातिगत जनगणना को समर्थन दिये जाने और इसे सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए नहीं करवाये जाने के बयान पर कांग्रेस खफा है. कांग्रेस ने मंगलवार को तंज कसा कि अब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तो क्या प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस की एक और गारंटी को हाइजैक कर जाति जनगणना करवायेंगे? यह बात कहते हुए कांग्रेस ने सरकार से पांच सवाल पूछे हैं, जिसमें संघ और सरकार दोनों पर निशाना साधा गया है.
जाति जनगणना को लेकर RSS की उपदेशात्मक बातों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं:
1. क्या RSS के पास जाति जनगणना पर निषेधाधिकार है?
2. जाति जनगणना के लिए इजाज़त देने वाला RSS कौन है?
3. RSS का क्या मतलब है जब वह कहता है कि चुनाव प्रचार के लिए जाति जनगणना का दुरुपयोग नहीं किया जाना…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 3, 2024
RSS स्पष्ट रूप से देश को बताएँ कि वो जातिगत जनगणना के पक्ष में है या विरोध में है?
देश के संविधान के बजाय मनुस्मृति के पक्ष में होने वाले संघ परिवार को क्या दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग व ग़रीब-वंचित समाज की भागीदारी की चिंता है या नहीं?
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 2, 2024
सुनील आंबेकर ने कहा था, हमें जातिगत जनगणना से कोई आपत्ति नहीं
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केरल के पलकक्ड में सोमवार को संघ के सम्मेलन में कहा था कि हमें जातिगत जनगणना से कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही कहा था कि मगर जनगणना के आंकड़ें का इस्तेमाल जनकल्याण के लिए होना चाहिए. चुनावी फायदे के लिए इसे राजनीतिक औजार बना कर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आंबेकर के बयान पर एक्स पर एक पोस्ट कर सवाल किया कि क्या आरएसएस के पास जातिगत जनगणना पर निषेधाधिकार है?
जाति जनगणना के लिए इजाजत देने वाला आरएसएस कौन है?
यराम रमेश ने एक पोस्ट के माध्यम से मोदी सरकार पर पांच सवाल दागे. कहा कि आरएसएस की उपदेशात्मक बातों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं. लिखा कि क्या आरएसएस के पास जाति जनगणना पर निषेधाधिकार है? जाति जनगणना के लिए इजाजत देने वाला आरएसएस कौन है? आरएसएस का क्या मतलब है जब वह कहता है कि चुनाव प्रचार के लिए जाति जनगणना का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए? क्या यह जज या अंपायर बनना है?
उन्होंने पोस्ट में कहा, आरएसएस ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50प्रतिशत की सीमा हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर रहस्यमई चुप्पी क्यों साध रखी है? लिखा कि अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक करेंगे और जाति जनगणना करायेंगे?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पूछा आरएसएस से सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस के बयान के बाद सोमवार रात कहा कि आरएसएस को देश को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वह जाति जनगणना के पक्ष में हैं या इसके खिलाफ. कहा, देश के संविधान के बजाय मनुस्मृति के पक्ष में होने वाले संघ परिवार को क्या दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग एवं गरीब-वंचित समाज की भागीदारी की चिंता है या नहीं?