New York : अमेरिकी संसद में भारत के मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को याद करते हुए उनकी मौत की स्वतंत्र जांच की मांग संबंधी एक प्रस्ताव पेश किया गया. कांग्रेस सदस्य जुआन वर्गास ने यह जानकारी दी. अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य से प्रतिनिधि वर्गास ने कहा कि उन्होंने स्वामी की याद और उनकी मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया है. कहा कि प्रस्ताव को कांग्रेस प्रतिनिधियों आंद्रे कार्सन और जेम्स मैकगोवर्न ने समर्थन दिया है. बता दें कि प्रस्ताव को अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में स्वामी की पुलिस हिरासत में मौत की पहली बरसी पर पेश किया गया.
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मैं हिरासत में फादर स्टेन के साथ हुए दुर्व्यवहार से दुखी हूं
इस अवसर पर वर्गास ने कहा, मैं हिरासत में फादर स्टेन के साथ हुए दुर्व्यवहार से दुखी हूं. मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसी हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना न करना पड़े. स्वामी का पांच जुलाई 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. उन्हें एक दिन पहले दिल का दौरा पड़ा था तथा उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था. स्वामी को पिछले साल 29 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे भीमा कोरेगांव से जुड़े एलगार परिषद् मामले में आरोपी थे.
डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद वर्गास मंगलवार को भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके रक्षकों का उत्पीड़न: हिरासत में पिता स्टेन की मृत्यु का स्मरण… शीर्षक से एक वेबिनार में अपनी बात रखी. जान लें कि यूके के सांसद नीले हैनवे, एमईपी अल्विना अलामेत्सा (ईयू), सीनेटर डेविड शूब्रिज (ऑस्ट्रेलिया) और संयुक्त राष्ट्र की विशेष रिपोर्टर मैरी लॉलर ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया.
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फादर स्टेन स्वामी के साथ गलत व्यवहार हुआ
वेबिनार में पैनलिस्टों ने आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए स्वामी की व्यापक सेवा की लड़ाई को याद किया. सांसद वर्गास ने कहा, मैं हिरासत में फादर स्टेन के साथ हुए दुर्व्यवहार से स्तब्ध हूं. मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को इस तरह की हिंसा और उपेक्षा का सामना नहीं करना चाहिए.
स्वामी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अक्टूबर 2020 में रांची, झारखंड से एल्गार परिषद मामले के संबंध में कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था. उन्हें नवी मुंबई के तलोजा सेंट्रल जेल में डाल दिया गया था.
भारत सरकार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी
स्टेन स्वामी की मृत्यु के बाद भारत सरकार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी जिसे सरकार ने खारिज कर दिया था. कहा था कि स्टेन स्वामी के मामले में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया. अधिकारी कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करते हैं और अधिकारों के वैध प्रयोग को रोकते नहीं हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि फादर स्वामी की अस्वस्थता को देखते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने एक निजी अस्पताल में उनके इलाज की अनुमति दी थी, जहां 28 मई से उनका इलाज चल रहा था.
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