NewDelhi : कोरोना संक्रमण के बाद देश बर्ड फ्लू की चपेट में है. खबरों के अनुसार देश के कई राज्यों में भारी संख्या में पक्षियों की मौत हो गयी है. राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आये हैं. केरल में हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है. जान लें कि केरल में वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था.
हरियाणा के पंचकुला में एक लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो गयी है. देश के सबसे बड़े पोल्ट्री इलाकों में शामिल पंचकुला में मरने वाले पक्षियों के 80 से अधिक नमूने जमा किये गये हैं. जानकारी के अनुसार पक्षियों के खून, उन्हें दिया गया भोजन और मृत पक्षियों को जालंधर के क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला को भेजा गया है.
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प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पोल्ट्री पक्षियों के बीच वायरस के अत्यधिक रोगजनक और आनुवंशिक तनाव की संभावना का पता लगाने के लिए नमूने जब्त किये गये हैं.खबर है कि अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में मृत पाये गये कुछ प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की है.
राजस्थान के विभिन्न जिलों में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत के मामले सामने आये हैं. पशुपालन विभाग की मानें तो राज्य में 425 से अधिक कौवे, बगुले और अन्य पक्षी मारे गये है. बताया गया कि झालावाड़ के पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजे गये थे, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.
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एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों , घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश
केरल भी बर्ड फ्लू से अछूता नहीं है. कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की खबर सामने आयी है. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश जारी किया है. अधिकारियों के अनुसार एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए लगभग 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा.
कोट्टायम जिला प्रशासन के अनुसार नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तखों की मौत हो गयी है, बर्ड फ्लू काफी संक्रामक बीमारी है और एच5एन1 वायरस के कारण पक्षियों के श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ता है। मानव भी इससे संक्रमित हो सकते हैं. हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाये गये हैं.
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