- सामाजिक न्याय के लिए एक मंच पर आकर हम सभी लोगों को लड़ना और संघर्ष करना होगा- हेमंत
- अमृतकाल में आज एसटी, एससी, माइनॉरिटी, ओबीसी एवं महिलाओं के हक-अधिकारों के लिए एक प्लेटफार्म पर आकर करना पड़ रहा संघर्ष
- नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को सीएम हेमंत सोरेन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया संबोधित
Ranchi : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि आजादी के 75 साल और अमृतकाल में भी हम आज सोशल जस्टिस को लेकर चिंतित हैं. केंद्र सरकार की गलत नीति और निर्णयों के वजह से देश की लोकतांत्रिक ढांचा ध्वस्त होती दिख रही है. आज एसटी, एससी, माइनॉरिटी, ओबीसी एवं महिलाओं के हक- अधिकारों के लिए हम सभी को एक प्लेटफॉर्म पर आकर संघर्ष करना पड़ रहा है. देश में आज जो परिस्थिति बनी हुई है यह आने वाली पीढ़ी के लिए चिंताजनक है. देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है. किसान, मजदूर, पढ़े-लिखे नौजवान अपने हक-अधिकारों से वंचित हो रहे हैं. निश्चित तौर पर यह देश को पीछे ले जाने के संकेत हैं.
हेमंत सोरेन सोमवार शाम को नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अलग-अलग तरह से भेदभाव किया जा रहा है. यही वजह है कि आज सोशल जस्टिस को लेकर हम लोगों को एक मंच पर आकर डिस्कशन करने की जरूरत पड़ रही है. हेमंत सोरेन ने कहा है कि सामाजिक न्याय के लिए एक मंच पर आकर हम सभी लोगों को लड़ना और संघर्ष करना होगा
तमिलनाडु, राजस्थान के सीएम और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी रखी अपनी बात
बता दें कि यह राष्ट्रीय सम्मेलन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में आयोजित की गई थी. इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सीपीआईएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी, सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला सहित देश के कई दिग्गज नेता शामिल हुए.
रोजगार उपलब्ध कराने वाले सभी संस्थाओं को बुरी तरह किया जा रहा ध्वस्त
हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में रोजगार उपलब्ध कराने वाले सभी संस्थाओं को बुरी तरह ध्वस्त किया जा रहा है. हमारे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे जो अधिकतर आर्मी में नौकरी की तैयारियां करते थे, आज आर्मी में नौकरी पाने के लिए किस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है, यह किसी से छुपी हुई नहीं है. रेलवे, बैंक इत्यादि कई ऐसे संस्थान हैं जहां युवाओं को नौकरियां मिलती थी. उन संस्थानों को आज निजी हाथों बेचा जा रहा है. देश की स्थिति यह है कि अब लोग पीडीएस अनाज पर जीने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
देश में आज फूट डालो और राज करो की स्थिति बनी है, जो चिंता का विषय है
हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में आज फूट डालो और राज करो की स्थिति बनी है जो चिंता का विषय है. वर्तमान समय में देश का लोकतंत्र खतरे में है. आज देश में ‘ना काम करूंगा ना करने दूंगा’ की राजनीति हो रही है. हमारे राज्य झारखंड में पिछली सरकार ने बड़ी चतुराई से ओबीसी रिजर्वेशन को घटाने का काम किया था, परंतु राज्य में हमारी सरकार बनते ही हमने आरक्षण नियमावली में कुछ बदलाव करते हुए ओबीसी आरक्षण को 27% करने हेतु नौवीं अनुसूची में जोड़ने का प्रस्ताव भेजा है. दुर्भाग्य है कि उस प्रस्ताव को झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा वापस कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में भी कुछ इसी तरह के डिसीजन लिए गए, जिसे वहां के राज्यपाल ने अपनी सहमति दी थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जब रेलवे, बैंक और अलग-अलग डिफेंस संस्थाओं में वैकेंसी निकलेगी ही नहीं, तब रिजर्वेशन किस काम का ?
सामाजिक न्याय के लिए हमें एक और मुहिम छेड़नी होगी
हेमंत ने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई को जब मैं देखता हूं, तब उन्हें दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी की संघर्षमय यात्रा याद आती है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन, लालू प्रसाद यादव, स्व. मुलायम सिंह यादव आदि देश के कई दिग्गज नेताओं ने मिलकर लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन किया था, और इसी सामाजिक न्याय को लेकर एक मुहिम छेड़ी थी. ऐसे ही मुहिम छेड़ने की हमें जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज के इस कॉन्फ्रेंस में तमाम महानुभावों द्वारा दिए गए सुझाव के साथ मैं हमेशा खड़ा रहूंगा. क्योंकि आज जरूरत है कि देश की मूल आत्मा को बचाया जाए. हम सब मिलकर आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए कार्य करें आज इसकी नितांत जरूरत है.