- 400 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर मिलेगी हवाई यात्रा की सुविधा
- अविलंब गिरफ्तारी और सजा दिलाने से होगी समय की बचत
- हवाई यात्रा की सुविधा देश की सीमा के अंदर ही होगी अनुमान्य
- गृहकारा-आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव पर लगी मुहर, संकल्प जारी
Ranchi : गृह, कारा व आपदा प्रबंधन विभाग ने अपराध पर नियंत्रण, अपराधियों की गिरफ्तारी, उन्हें सजा दिलाने और व्यापक न्यायहित में समय की बचत के लिए हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया था. प्रस्ताव में कहा गया था कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से अपराधों की जांच करने वाली पुलिस टीमों को वायुयान यात्रा की अनुमति दी जाये. इस पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस सुविधा का उपभोग तभी किया जाये, जब यात्रा का गंतव्य बिंदू सड़क मार्ग से 400 किलोमीटर से अधिक हो, बशर्ते हवाई यात्रा से पूर्व विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रधान संचिव या सचिव से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा.
क्या था गृह विभाग का प्रस्ताव
गृह, कारा व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्ताव दिया गया था कि राज्य में विभिन्न अपराध की घटनाओं में दर्ज किये गये मामलों की संख्या के साथ-साथ साइबर धोखाधड़ी के मामले में भारी वृद्धि हुई है. देश के विभिन्न स्थानों से अपराधी सिमकार्ड यूजर्स, बैंक अकाउंट होल्डर और आईपी एड्रेस के बारे में पताकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं. साइबर अपराधी डिजिटल डाटा को आसानी से हेरफेर कर सकते हैं या फिर मिटा सकते हैं. अपराधियों को दूर-दराज और भीड-भाड वाली जगहों (सड़क या रेल मार्ग) से ट्रांजिट रिमांड पर लाना असुरक्षित और जोखिम भरा है. लंबी यात्रा में अतिरिक्त पुलिस बल और अधिक खर्च की संभावना रहती है. देश के अन्य हिस्सों में अपराधियों को गिरफ्तार किये जाने पर स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा अनिच्छा से अक्सर 24-48 घंटे से अधिक अवधि का ट्रांजिट रिमांड दिया जाता है, जिससे गिरफ्तार अभियुक्त को वापस लाना मुश्किल होता है.
इन शर्तों पर मिली है हवाई यात्रा की स्वीकृति
- – विभिन्न अपराधों से संबंधित वादों की जांच के लिए पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल एवं गिरफ्तार आरोपी व अभियुक्त को वायुयान से यात्रा के लिए महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी प्रमुख व निगरानी प्रमुख से अनुमति अनिवार्य होगी.
- – वायुयान से यात्रा की सुविधा का उपयोग केवल तभी किया जायेगा, जब ऑपरेशनल जस्टिफिकेशन सक्षम प्राधिकार द्वारा अनुमोदित किया गया हो.
- – इस तरह की यात्रा की अनुमति देने वाले प्राधिकार यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच के लिए गठित पुलिस टीम में आवश्यकता के अनुरूप व न्यूनतम व्यक्ति अनुमान्य किये जाये.
- – हवाई यात्रा देश की सीमा के अंदर ही अनुमान्य होगी.
- – वायुयान से यात्रा की अनुमति के पूर्व प्रारंभिक जांच से संतुष्ट होकर ही अनुमति दी जाये.
- – वायुयान यात्रा के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक होगा कि समान परिस्थितियों में न्यूनतम किराया वाली हवाई यात्रा का चयन किया जाये.
वर्तमान में हवाई यात्रा के ये हैं हकदारक
- – लेवल 15, लेवल 16 एवं लेवल l 17 का वेतनमान प्राप्त करने वाले सरकारी अफसर एक्जेक्यूटिव श्रेणी में यात्रा के हकदार.
- – लेवल 12, लेवल 13, लेवल 13ए एवं लेवल 14 का वेतनमान प्राप्त करने वाले इकोनोमी श्रेणी में यात्रा के हकदार होंगे.
- – लेवल 10 व लेवल 11 का वेतनमान प्राप्त करने वाले सरकारी सेवकों को वायुयान से इकोनोमी श्रेणी में यात्रा की अनुमति विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव के द्वारा शर्तों के अधीन दी जा सकेगी. जिसमें इस प्रावधान का उपयोग अत्यंत ही विशेष परिस्थिति में किया जाय. यात्रा व्यय मद में उपबंधित राशि को भी ध्यान में रखा जाय. स्वीकृति आदेश में अत्यंत विशेष परिस्थिति को स्पष्ट किया जाये.
Leave a Reply