Ranchi : लौह अयस्क मामले में चाईबासा जिला राज्य भर में सबसे धनी है. 2008 से लेकर 2011 तक वहां ओएमएम नाम की कंपनी ने तय सीमा से ज्यादा लौह अयस्क का खनन किया. पकड़े जाने पर कंपनी के खिलाफ मुकदमा हुआ. ऐसे मामलों में जुर्माना वसूलने का नियम है. लेकिन चाईबासा के पूर्व डीसी ने जुर्माना वसूलने के बदले कंपनसेट करने का आदेश दिया. इससे सरकार को 500 करोड़ का नुकसान हुआ और कंपनी को फायदा. कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप जिस डीसी पर है, वह कोई और नहीं बल्कि वर्तमान खनन सचिव के श्रीनिवासन हैं.
पूर्व मंत्री सरयू राय का आरोप है कि एक उपायुक्त ने ओएमएम कंपनी को जान-बूझ कर 500 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया है. इस बाबत उन्होंने जांच के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा भी है. इसके लिए उन्होंने उपायुक्त चाईबासा द्वारा 18.05.2012 को लिखे पत्र का हवाला दिया है. जब लगातार… ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि उस दौरान के श्रीनिवासन ही चाईबासा के उपायुक्त थे. यानी डीसी रहते हुए जिस आईएएस अधिकारी (के श्रीनिवासन) पर 500 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप है, वे मौजूदा सरकार में खनन सचिव हैं.
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सरयू राय ने ट्वीट कर सीएम से की मांग
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व मंत्री सरयू राय ने बुधवार को दो ट्वीट किये हैं. सरयू राय ने कहा है कि उपायुक्त ने जानबूझ कर एक निजी व्यवसायी को लाभ पहुंचाया. यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के तहत दंडनीय अपराध है. राय के अनुसार 18.05.2012 को लिखे पत्र के पहले पन्ने के अंत में चाईबासा के डीसी के श्रीनिवासन ने उल्लेख किया है कि इस अपराध के लिए कंपनी के खिलाफ चाईबासा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर किया गया. इसकी जांच चल रही है. पत्र के दूसरे पन्ने पर डीसी ने खनन पदाधिकारी को अपने निर्णय का उल्लेख किया है. लिखा हैः कंपनी ने वर्ष 2009-10 में किये गये 0.615 मिलियन टन के अधिक उत्पादन को वर्ष 2012-13 के वार्षिक उत्पादन 2.00 मिलियन टन में से Compensate करने के लिए कम किया जाता है. इसी प्रकार वर्ष 2010-11 में कंपनी द्वारा किये गये 0.665 मिलियन टन अधिक उत्पादन को वर्ष 2013-14 के वार्षिक उत्पादन 2 मिलियन टन से कम करने का निर्देश दिया जाता है.
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जुर्माना लगाने के बदले कंपनसेट कर दिया डीसी ने
इस तरह जिस गलत काम के लिए कंपनी पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए था, उस काम के लिए डीसी के श्रीनिवासन ने अपने स्तर से कंपनसेट करने का आदेश दे दिया. पूर्व मंत्री सरयू राय ने लगातार न्यूज नेटवर्क से बात करते हुए कहा कि उपायुक्त का यह आदेश गैरकानूनी है. इससे सरकार को करीब 500 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्कालीन उपायुक्त को चिह्नित करके कार्रवाई की जाये.
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