LagatarDesk : दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सर्विस चार्ज को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों पर रोक जारी रखा है. इसके साथ ही कोर्ट ने सर्विस चार्ज को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि अगर आप सर्विस चार्ज नहीं दे सकते हैं तो फिर रेस्टोरेंट में खाना ना खाएं. यह अनिवार्य रूप से पसंद का मामला है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस मामले में केंद्र और सीसीपीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को तय की है. (पढ़ें, सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को अंतरिम जमानत दी, रिहा करने का आदेश)
FHRAI की तरफ से सुमीत सेठी ने रखा पक्ष
FHRAI की ओर से वरिष्ठ वकील सुमीत सेठी ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट वसूले गये शुल्क पर जीएसटी का भुगतान कर रहे थे. CCPA के पास इस तरह के आदेश पारित करने का अधिकार भी नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि अगर बेची गयी वस्तु की कीमत में सर्विस चार्ज जोड़ दिया जाये तो भोजन की कीमत बढ़ जायेगी. इसका असर उस उपभोक्ता पर भी पड़ेगा जो ऑनलाइन ऑर्डर कर रहा है. सर्विस चार्ज केवल ऐसे ग्राहकों पर लागू होता है, जो रेस्तरां में आते हैं. क्योंकि यह वेटर और बैक एंड स्टाफ द्वारा दी गयी सेवा के लिए है.
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तीसरे श्रेणी के रेस्टोरेंट पर लागू नहीं होना चाहिए सीसीपीए की गाइडलाइन
वरिष्ठ वकील ललित भसीन ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा,. उन्होंने तर्क दिया कि रेस्टोरेंट की तीन श्रेणियां होती हैं. पहली जो सर्विस चार्ज नहीं वसूलते. दूसरा जो कस्टमर की सहमति के बिना सेवा शुल्क वसूलते हैं. वहीं तीसरे ऐसे हैं, जो सर्विस चार्ज लेते हैं और इसका जिक्र उनके मीनू में भी होता है. ललित भसीन ने कोर्ट से मांग की है कि सीसीपीए की गाइडलाइन, जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज लेने से रोकती है को तीसरे श्रेणी के रेस्टोरेंट पर लागू नहीं होना चाहिए. जो मीनू पर सर्विस चार्ज का जिक्र करते हैं.
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4 जुलाई को सर्विस चार्ज को लेकर जारी की थी गाइडलाइन
बता दें कि सीसीपीए ने 4 जुलाई को सर्विस चार्ज को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया था. नयी गाइडलाइन के मुताबिक, होटल और रेस्टोरेंट बिल में सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते. लेकिन ग्राहक की मर्जी होगी तो वे स्वेच्छा से सर्विस चार्ज का भुगतान कर सकते हैं. सीसीपीए ने दिशा-निर्देश में कहा था कि अगर रेस्टोरेंट द्वारा सर्विस चार्ज मांगे जाने पर उपभोक्ता या ग्राहक शिकायत कर सकते हैं.
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NRAI और FHRAI ने गाइडलाइन के खिलाफ की थी याचिका दायर
सीसीपीए द्वारा गाइडलाइन जारी करने के बाद नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) की ओर से याचिका दायर की गयी थी. दायर याचिका में होटल और रेस्टोरेंट द्वारा वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर रोक के संबंध में जारी निर्देशों को रद्द करने की मांग की गयी थी.
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