Dhanbad : बीबीएमकेयू में कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से छात्र संगठनों में आक्रोश है. विभावि से अलग होकर बीबीएमकेयू धनबाद में ( बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि) बना है और तब से कई विवादों में घिरता भी रहा है. और अब बीबीएमकेयू विगत चार महीने से प्रभार पर चल रहा है.
यूनिवर्सिटी के प्रथम स्थायी कुलपति प्रो डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव का कार्यकाल 31 अगस्त, 2021 को पूरा हो गया. एक सितंबर से उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त कमल जॉन लकड़ा कुलपति के प्रभार में हैं. राजभवन से उन्हें तीन महीने के लिए प्रभार दिया गया था, जो मंगलवार 30 नवंबर, 2021 को पूरा हो गया. फिर कार्यकाल तब तक के लिए बढ़ा दिया गया है, जबतक नये कुलपति की नियुक्ति नही हो जाती है.
मुखिया बगैर घर चलेगा कैसे : हिमांशु
बीबीएमकेयू(टीए) के महासचिव हिमांशु शेखर चौधरी ने बताया कि परिवार का मुखिया बराबर समय नहीं दे तो छात्र या शिक्षक अपनी परेशानी किसके समक्ष रखेगें. कहा कि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त कमल जॉन लकड़ा यूनिवर्सिटी के कुलपति के प्रभार में हैं, लेकिन यह व्यवस्था स्थायी नहीं हो सकती है. कहा कि सितम्बर से कुलपति नही होने के कारण बहुत सारी गतिविधियों पर विराम सा लग गया है. समय से परीक्षा, सेमेस्टर में विलंब, पीजी डिपार्टमेंट को नये भवन में शिफ्ट करने जैसी समस्याओं से बीबीएमकेयू जूझ रहा है.
कई निर्णय हो रहे बाधित : मुकुंद रविदास
पीके रॉय कॉलेज के हिंदी विभाग के प्रो डॉ. मुकुंद रविदास का कहना है कि कुलपति व प्रतिकुलपति के अभाव में बहुत से निर्णय नहीं लिये जा रहे हैं. सभी विभागों को विवि में सेटल करना था. इधर कमरों के अभाव के कारण पीजी की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बहुत सारे पद रिक्त पड़े हैं.
बीबीएमकेयू के लिए दुर्भाग्यपूर्ण : इंद्रजीत
एनएसयूआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह है कि छात्रों के हित को ध्यान में रख कर बीबीएमकेयू में कुलपति व प्रति कुलपति की नियुक्ति शीघ्र कर दी जाए. उन्होंने कहा झारखंड के विभिन्न विवि में कुलपति की नियुक्ति रुकी हुई है. कई बार राज्यपाल से मुलाकात कर कुलपति की नियुक्ति की मांग भी की गई है. परंतु नियुक्ति नहीं की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
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