Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) बिजली विभाग का बरसात से पहले बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा फेल हो चुका है. अभी तक आंधी-पानी में 100 से ज्यादा पेड़, बिजली के पोल और तार टूट चुके है. बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. चार दिन पहले चीरागोडा, बीडीओ के पास बिजली के तार पर नीम का पेड़ गिर जाने से पोल भी टूट कर जमीन पर आ गिरा. उसे ठीक करने में तीन दिन का समय लगा. बरसात में बिजली से करंट लगने का खतरा भी बढ़ गया है. तारों के झुण्ड के शॉर्ट सर्किट से टूटने तथा ट्रांसफॉर्मर में आग लगने की घटना हो रही है. अच्छी बात यह रही कि इन घटनाओं में किसी की जान नहीं गई. हालांकि बिजली विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार हो रहा है.
अंडर ग्राउंड केबलिंग की रफ्तार भी धीमी
धनबाद सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिये वर्ष 2015 में अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम शुरू हुआ था. उद्देश्य था भारी बारिश और थंडरिंग से बार-बार बिजली गुल से निजात पाना. परंतु आज तक वह काम पूरा नहीं हुआ. जेबीवीएनएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर संजय सिन्हा ने बताया कि धनबाद में अभी तक 60 प्रतिशत अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम हुआ है. अगले तीन माह में काम पूरा हो जाएगा. 11 केवी और 33 केवी दोनों का काम हो रहा है, इसलिये देरी हो रही है. इसके बाद गली मोहल्ले में फाइबर केबल लगाने का काम होगा.
स्मार्ट मीटर में अभी लगेगा दो साल
बिजली की इन भीषण समस्याओं के बीच उपभोक्ताओं से वसूली पर पूरा जोर है. 400 यूनिट तक बिजली खपत की समय सीमा तय कर पहले की मुश्किल बढ़ा दी गई है. अब स्मार्ट मीटर लगाने की चर्चा भी है. हालांकि जेबीवीएनएल के कार्यपालक अभियंता एसबी तिवारी का कहना है कि स्मार्ट मीटर तभी लगेगा, जब बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी. अभी इसकी कोई गुंजाइश नहीं है. इसमें दो साल से अधिक समय लग सकता है.
पड़ोसी राज्य में चार साल पहले हो चुकी केबलिंग
बिजली की जिस जर्जर व्यवस्था को लेकर इस राज्य में शोर मच रहा है, वह पड़ोसी राज्य बिहार में कब का खत्म हो चुका है. शहर के साथ गांव में भी अंडर ग्राउंड केबलिंग चार साल पहले पूरी हो चुकी है. बिहार के कई शहरों में स्मार्ट मीटर भी लग चुका है. इधर झारखंड का बिजली विभाग जर्जर तार और पोल से ही काम चला रहा है.
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