Dhanbad : आपको सांड घायल कर दे. जान मार दे. आवारा कुत्ते आपको काट ले, लेकिन यह नगर निगम का विषय नहीं है. कम से कम नगर आयुक्त ऐसा ही कहते हैं. शहर की सड़कों पर ये आवारा पशु जाम का भी सबब हैं. पर नगर आयुक्त कहते हैं- पशुओं के लिए शहर में और भी विभाग हैं. यह निगम का विषय नहीं है.
सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में करीब 25 हजार पशुपालक हैं , जिनके पास 4 लाख से अधिक दुधारू पशु हैं. एक पशु हर दिन 5 किलो तक चारा खा जाता है. चारा सिर्फ उन्हीं पशुओं को पशुपालक उपलब्ध कराते हैं, जो दूध देती हैं. बाकी को सड़क पर छोड़ देते हैं. खाने की तलाश में ये मवेशी गली-मुहल्ले से होते हुए मुख्य सड़क पर जा पहुंचते हैं. रात को सड़क या सड़क डिवाइडर ही इनका मुख्य ठिकाना होता है. 2006 में नगर निगम आस्तित्व में आया. लेकिन आज तक आवारा मवेशियों के लिए कोई इंतजाम नहीं कर सका है. निगम के अधिकारी अभी सिर्फ सड़क और गली-मुहल्लों से कुत्ता पकड़वा रहे हैं. इसके अलावा सड़क पर अतिक्रमण के नाम पर ठेले-खमोचे और तिरपाल लगाकर कर दुकान चलाने वालों पर कार्रवाई कर रहे हैं .
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