आरएस मोर कॉलेज में आयोजित सेमिनार में कई वक्ताओं ने व्यक्त किये उद्गार
Dhanbad : आरएस मोर कॉलेज में इतिहास विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई की ओर से स्वतंत्रता से स्वावलंबन विषय पर संगोष्ठी की गई. संगोष्ठी में मुख्य अतिथि सिंफर निदेशक प्रो अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2027 तक भारत पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरनेवाला है. निकट भविष्य में भारत आर्थिक स्वावलंबन का केंद्र भी होगा. सच्चे अर्थों में विश्वगुरु बनने के लिए आर्थिक महाशक्ति और तकनीक के क्षेत्र में सिरमौर बनना भी जरूरी है.
विशिष्ट अतिथि आईआईटी-आईएसएम के सेवानिवृत्त प्रो डॉ प्रमोद पाठक ने कहा कि विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निर्वहन की चेतना जागृत करनी होगी, तभी सही अर्थों में भारत स्वावलंबी बन पाएगा. संगोष्ठी का विषय प्रवेश प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने किया. संगोष्ठी को प्रो अविनाश कुमार ने भी संबोधित किया. मंच संचालन प्रो तरुण कांति खलको ने किया, जबकि गीत-संगीत का कार्यक्रम डॉ कुहेली बनर्जी ने प्रस्तुत किया. सेमिनार को सफल बनाने में डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ अजीत कुमार वर्णवाल, डॉ अशोक सिंह, डॉ कुसुम रानी, डॉ अमित प्रसाद, प्रो स्नेहलता तिर्की, प्रो त्रिपुरारी कुमार, डॉ त्रिवेणी महतो, प्रो विनोद कुमार एक्का, प्रो सत्यनारायण गोराई, प्रो अंजू कुमारी, प्रो स्नेहलता होरो, प्रो राकेश ठाकुर, प्रो पूजा कुमारी, प्रो रागिनी शर्मा आदि का योगदान रहा.
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