Ravi chourasia
Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) आम का भले ही 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा हो, एक ग्लास आम रस सिर्फ 10 रुपये में मिल जाएगा. इस रस को अंग्रेजी में जूस कहा जाता है, मगर यह लोगों की सेहत का रस भी चूस सकता है. धनबाद में इन दिनों आम रस (मैंगो जूस) के नाम पर रंग भरा शरबत पिलाया जा रहा है. हालांकि इस घपलेबाजी की सुध लेने वाला कोई नहीं. दुकानदारों ने चीनी, पानी और रंग के साथ एसेंस का घोल बना रखा है, जिसे आम रस कह कर हर चौक चौराहे पर बेचा जा रहा है. इस तपती गर्मी में लोग आंख बंद कर उसे पी भी रहे हैं. लोग यह सोचना भी जरूरी नहीं समझते कि ₹200 किलो मिलने वाले आम का रस आखिर ₹10 प्रति गिलास कैसे बेचा जा रहा है.
गुजरते हैं सक्षम अधिकारी, मगर पूछता कोई नहीं
शहर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र बैंक मोड़, हीरापुर सहित चौक चौराहों पर आम रस बिक रहा है. उन रास्तों से कई बड़े अधिकारी भी रोजाना गुजर रहे हैं. परंतु कोई पूछने को तैयार नहीं कि यह आम रस कैसे बनाया जा रहा है. इतना सस्ता कैसे मिल रहा है. इसमें इतना चोखा रंग कहां से आ रहा है.
ठेले के निचले हिस्से में रखा होता है हानिकारक घोल
लगातार न्यूज़ की टीम ने सबसे पहले आम की कीमत की जानकारी ली. मार्केट में आम की कीमत ₹180 से ₹200 के बीच बताई गई. दुकान पर एक ग्लास आमरस की मांग की. दुकानदार ने आम के चंद गले हुए छोटे-छोटे टुकड़े मिक्सी के जार में डाले. फिर वह अचानक दुकान के नीचे बैठ गया. दुकान के भीतरी हिस्से में एक ड्रम में घोल तैयार कर रखा गया था, जिसे दो बड़े ग्लास जार में डालकर मिक्स कर दिया. ड्रम में रखे गए घोल का रंग केसरिया था. दुकानदार से जब पूछा गया तो कहा चीनी, पानी, रंग और आम की खुशबू की घोल है. चीनी, पानी के अलावा उन्होंने रंग और खुशबू का नाम लिया. सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि फ्रूट जूस में जिस रंग का प्रयोग किया जा रहा है, वह हाइजेनिक है या नहीं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
धनबाद के प्रतिष्ठित पाटलिपुत्र नर्सिंग होम के डॉक्टर निखिल ड्रोलिया कहते हैं कि फ्रूट में कोई भी कलर मिलाना बिल्कुल गलत है. फ्रूट्स बिल्कुल नेचुरल होना चाहिए, चाहे वह खट्टा-मीठा हो या किसी और स्वाद का. उसके स्वाद को रंग और चीनी के अनुसार बदलना गलत है. उन्होंने कहा कि खाने में इस्तेमाल के लिए मार्केट में दो तरह के रंग बिक रहे हैं. एक सरकार अनुमोदित, दूसरा निजी या गैरसरकारी. डॉक्टर ड्रोलिया ने कहा कि वैसे भी कलर शरीर के लिए हानिकारक है. इस मौसम में अगर कलर (रंग) का सेवन किया जाए तो आने वाले दिनों में डायरिया, पेट दर्द व उल्टी दस्त की शिकायत हो सकती है. इसके अलावा रंग का इस्तेमाल शरीर में कैंसर जैसे जानलेवा रोग को भी बढ़ावा दे सकता है.
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