Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) मत्स्य विभाग की बंद पड़ी खदानों में मछली पालन की योजना को बीसीसीएल ने ठुकरा दिया तो विभाग ने अब पत्थर खदानों में मछली पालन का फैसला किया है. आने वाले कुछ दिनों में मछली पालन का काम शुरू भी कर दिया जाएगा. यह जानकारी देते हुए जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने कहा कि बीसीसीएल की बंद पड़ी खदानों में मछली पालन के लिए विभाग ने कदम बढ़ाया था, लेकिन बीसीसीएल ने एनओसी निर्गत करने से मना कर दिया. विभाग ने अब पत्थर खदान को चिह्नित किया है, जो धनबाद के कोलिया सोल में है. जल्द ही काम प्रारंभ किया जाएगा.
स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का है लक्ष्य
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य विभाग स्थानीय लोगों को रोजगार देने की पहल कर रहा है. इन खदानों से मत्स्य विभाग रोजगार पैदा करने की तैयारी में जुटा हुआ है. इस योजना के लिए झारखंड सरकार से 35 लाख रुपये का आवंटन भी हो चुका है. इसी वर्ष बरसात में यहां मछली पालन शुरू होना था. जिला मत्स्य विभाग की टीम ने इन खदानों का निरीक्षण किया, जिसे केज कल्चर मछलीपालन के लिए उपयुक्त पाया और आने वाले हफ्ते में इस योजना पर काम चालू हो जाएगा.
क्या है केज कल्चर मछली पालन योजना
केज ( पिंजरा ) जाल द्वारा सभी ओर से बंद एक पिंजरे जैसी संरचना है, जो पानी के प्रवाह एवं दबाव को लंबे समय तक सहन कर सकती है. इसमें मछलियां डालने पर तेजी से वृद्धि होती है. धनबाद के मैथन डैम में इस योजना से मछली पालन हो रहा है. मत्स्य विभाग का मानना है कि मछली पालन की इस योजना से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है. युवाओं की एक समिति बनाकर उन्हें मछली पालन का काम सौंपा जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार का साधन मिलेगा.
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