न सुरक्षा उपकरण, न स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था, मजदूरी भी एक जैसी नहीं
Dhanbad: देश की आजादी के 76 साल बाद भी शहर के सफाई मजदूरों की कार्यशैली नहीं बदली. शहर को नरकीय स्थिति से उबारने के लिए ये सफाई मजदूर चाहे जितनी ईमानदारी से अपना काम करते हों, सरकार उन्हें कोई तवज्जो नहीं देती. सिर्फ धनबाद शहर में 1200 से अधिक लोग सफाई कार्य में जुटे हैं. 750 सफाई कर्मी नगर निगम के अधीन हैं, शेष सफाई एजेंसी के लिए काम करते हैं. हालांकि सभी की दशा एक ही है. बिना सुरक्षा व्यवस्था के ये मजदूर शहर में कचरा उठाने व नाले की सफाई में जुटे रहते हैं. नियमित रूप से कैंप लगाकर उनके स्वास्थ्य की जांच भी नहीं होती है. 70 सफाई कर्मियों को छोड़ कर सभी कर्मी निगम और एजेंसी में दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं. हालांकि सफाई कर्मियों के नाम पर हर कोई अपनी रोटी सेंकने के लिए तैयार बैठा है.
नाम इनका, कमाई उनकी
धनबाद नगर निगम में कुल 55 वार्ड हैं. प्रत्येक वार्ड में 15 कर्मी साफ सफाई का काम करते हैं. आवश्यकता के अनुसार यह संख्या घटाई और बढ़ाई जाती है. निगम की सफाई एजेंसी में अलग से मजदूर काम करते है. इसके अलावा सफाई का काम को देखने के लिए प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता निरीक्षक और स्वच्छता पर्यवेक्षक को भी रखा जाता है. सूत्रों की मानें तो सफाई कर्मियों का फायदा भी सबसे ज्यादा यही उठाते हैं. इस काम में कुछ पूर्व पार्षद भी शामिल होते हैं. सभी की उनकी हाजिरी और अलग से मिलने वाले काम में हिस्सेदारी होती है. कई बार इस बात का खुलासा भी हो चुका है, लेकिन हिस्सेदारी खत्म नहीं हुई है.
क्या कहते हैं जवाबदेह
निगम के कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीस ने बताया कि सफाई कर्मियों को सुरक्षा किट दिया गया है. लेकिन इसका इस्तेमाल ज्यादातर लोग नहीं करते हैं. कई बार उन्हें फटकार भी लगाई गई है, लेकिन उनका कहना है कि बूट या हाथ में दस्ताना पहनकर काम करने में परेशानी होती है. रही बात स्वास्थ्य जांच की तो समय समय पर इसकी भी व्यवस्था की जाती है.
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