सदर अस्पताल को 500, सीएचसी 200 व पीएचसी को 20 प्रसव कराने का लक्ष्य
Dhanbad: एसएनएमएमसीएच, सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों को संस्थागत प्रसव का आंकड़ा बढ़ाना होगा. हर माह ओपीडी व संस्थागत प्रसव की रिपोर्ट उपायुक्त को देनी होगी। उपायुक्त वरुण रंजन ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिया है. उपायुक्त ने सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी व प्रसव के लिए लक्ष्य भी तय कर दिया है. निर्देशानुसार सदर अस्पताल में हर माह 9,000 मरीजों का ओपीडी में इलाज और 500 प्रसव कराना है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर माह 6,000 ओपीडी व 200 प्रसव कराने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा पीएचसी में 2500 व कम से कम 20 प्रसव कराना है. उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ सी. बी प्रतापन ने भी सीएचसी प्रभारियों को पत्र जारी कर दिया है. सिविल सर्जन ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान चार बार एंटीनेटल चेकअप के लिए सभी सहिया, एएनएम व मेडिकल ऑफिसर को प्रशिक्षण दिया गया है. लक्ष्य पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी.
कई सीएचसी में संसाधन नहीं, कैसे पूरा होगा लक्ष्य
उपायुक्त के निर्देश के बाद जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों की परेशानी बढ गई है. वजह यह है कि कई सीएचसी डॉक्टर की कमी है तो कहीं प्रसव कराने की सुदृढ व्यवस्था ही नहीं है. जिले में 144 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों में मात्र 70 स्वास्थ्य उपकेंद्र ही काम कर रहे हैं. 28 प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं, जहां ओपीडी में एक हजार से भी कम मरीजों का इलाज हो रहा है. सबसे बड़ी कमी संस्थागत प्रसव की है. हर बार प्रसूताओं को सीएचसी व पीएचसी से एसएनएमएमसीएच भेज दिया जाता है. नतीजा, एसएनएमएमसीएच पर भार अधिक पड़ता है. इधर, सदर अस्पताल में हर माह लगभग 4,000 ओपीडी व लगभग 200 प्रसव ही हो पा रहे हैं.
कहां कितने आते हैं मरीज
ओपीडी प्रति दिन
सदर अस्पताल 70 – 80
गोविंदपुर सीएचसी 170 – 180
निरसा सीएचसी 130 – 140
तोपचांची सीएचसी 120 – 140
बाघमारा सीएचसी 100 – 110
बलियापुर सीएचसी 130 – 150
टुंडी सीएचसी 90 – 100
झरिया सीएचसी 80 – 90