युवाओं के लिए प्रेरण स्रोत बने किसान प्रदीप पांडेय व उनका पुत्र
Bhola Jha
Barora : धनबाद कोयलांचल काले हीरे के लिए जाना जाता है. कोयलांचल के बाघमारा में सिर्फ कोयला ही नहीं, पपीता सहित अन्य मौसमी फलों की बगिया लहलहा रही है. दरीदा पंचायत के झगराही गांव निवासी प्रदीप पांडेय व उनके पुत्र शिवम पांडेय यहां हाईटेक फार्मिंग कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. उनके खेतों में पपीते की खेती लहलहा रही है, जिसमें पपीते के हजारों पेड़ लगे हैं. आधुनिक तरीके से खेती कर पिता-पुत्र ने अपनी अलग पहचान बनाई है. इनके पपीते की डिमांड धनबाद सहित आसपास के जिलों में भी है.
प्रदीप पांडेय पढ़े-लिखे किसान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. वह पिछले कई वर्षों से कृषक सेवा केंद्र संस्था बनाकर खेती कर रहे हैं. वह पपीते के साथ मौसम के अनुसार अन्य फल ड्रैगन फ्रूट, तरबूज, एस्ट्रॉबेरी, केला व सब्जियों की फसल लगाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि पपीता एवं पौधों में किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते हैं. व्यापारी खेत पर आकर फल व सब्जियां ले जाते हैं. धनबाद जिले के विभिन्न जगहों व आसपास के जिलों से व्यवसायी यहां आकर थोक में फल ले जाते हैं. वेराइटी के मामले में भी लोग उनके फलों को खूब पसंद करते हैं.
खेती से भी अच्छी आमदनी कर सकते हैं युवा : प्रदीप
प्रदीप पांडेय ने बताया कि खेती से पैसे कमाना उनकी प्राथमिकता नहीं है, बल्कि इस खेती से उन्हें काफी सुकून मिलता है. आसपास के लोगो को वह खेती का तरीका सिखाते हैं. युवाओं को प्रेरित करते हैं कि खेती कर अपना भविष्य बना सकते हैं. कोलफील्ड इलाके में लोग खेती से किनारा कर रहे हैं. प्रदीप पांडेय व उनके पुत्र शिवम पांडेय का कहना है कि आज के दौर में लोगो को खेती से जुड़ना बहुत जरूरी है. इसमें युवा अपना भविष्य बना सकते हैं. यह पर्यवारण के लिए भी अच्छा होगा.
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