Deoghar: एक विकलांग के लिए जीवनयापन करना काफी कठिन होता है. उसके लिए आय सृजित करना बड़ी समस्या होती है. इसलिए सरकार द्वारा उन्हें विकलांग पेंशन दिया जाता है. लेकिन जब सरकारी मुलाजिम लापरवाही करते हैं तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. देवघर क देवघर जिले के सोनारायठाड़ी प्रखंड के एक विकलांग गुड्डू शेख ऐसे ही लापरवाही के शिकार हुए हैं.
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टूट रही है पेंशन की आस
गुड्डु शेख जिले से 30 किलोमीटर दूर सोनारायठाड़ी प्रखंड के मधुबन गांव में रहते हैं. सरकारी पेंशन की आस में वे रह रहे थे, लेकिन अब उनका भरोसा टूट रहा है. विकलांग गुड्डू शेख ने कहा कि प्रखंड के चक्कर काटते काटते थक चुके हैं. पेंशन की आस भी अब छोड़ चुके हैं. उनकी मांग है कि सरकार इस पर ध्यान दे ताकि उनकी जिंदगी सही तरीके से चल सके.
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घरवालों ने भी किया बेघर
आर्थिक समस्या बढ़ी तो घरवालों ने उन्हें बेघर कर दिया. घरवालों ने यह कहकर घर से हटा दिया कि वे शरीर से विकलांग हैं. वे किसी काम के नहीं हैं. जन्मजात विकलांग गुड्डू को भगवान ने सजा दी, फिर ससकारी मुलाजिम ने और अब घरवालों ने बेघर कर सजा दी. शरीर से लाचार गुड्डू लाठी के सहारे चलते हैं. बेघर होने के बाद जब भोजन की समस्या हुइ तो उन्हें गांव के ही मोहम्मद मसूद ने सहारा दिया. अभी दो वक्त की रोटी भी गुड्डू को इन्हीं की बदौलत मिल रही है.
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