बिजली वितरण निगम सालाना 8975 करोड़ की बिजली खरीदता
राजस्व 7311 करोड़ मिलता है
1663 करोड़ का रह जाता है गैप, यानी बिजली वितरण निगम को 1663 करोड़ का घाटा
Ranchi : झारखंड बिजली वितरण निगम सालाना 8975 करोड़ की बिजली विभिन्न पावर कंपनियों से खरीदता है. इसके एवज में वितरण निगम को विभिन्न स्रोतों से सालाना 7311 करोड़ की राजस्व की प्राप्ति होती है. इसका खुलासा बिजली वितरण की ऑडिट रिर्पोट में हुआ है. इस हिसाब से लगभग 1663 करोड़ का सालाना रेवेन्यू गैप रह जाता है यानी वितरण निगम को 1663 करोड़ का घाटा होता है.
वेतन-पेंशन पर सालाना खर्च 349.60 करोड़
वितरण निगम अफसरों-कर्मियों के वेतन-पेंशन सहित अन्य मदों में सालाना 349.60 करोड़ रुपये खर्च करता है. इसमें वेतन का 261.91 करोड़, पेंशन का 52.22 करोड़, अर्न लीव इंकैशमेंट का 18.12 करोड़, ग्रेच्यूएटी का 10.36 करोड़, पीएफ का 1.57 करोड़ और स्टॉफ वेलफेयर का 5.39 करोड़ शामिल है.
सालाना इतने की बिजली खरीदता है वितरण निगम
वितरण निगम विभिन्न कंपनियों से सालाना 809490.28 लाख की बिजली खरीद की जाती है. इसके अलावा दूसरे के लाइन से बिजली लेने के लिए ट्रांसमिशन चार्ज के रूप में सालाना खर्च 88004.39 लाख रुपये खर्च किये जाते हैं. इस हिसाब से बिजली खरीद में कुल खर्च 897494.67 लाख रुपए खर्च होता है.
किस कैटगरी से सालाना कितने राजस्व की होती है प्राप्ति
कैटेगरी |
राशि (लाख में) |
घरेलू उपभोक्ता |
370254.30 |
कॉमर्शियल |
81963.75 |
पब्लिक लाइटिंग |
9108.89 |
सिंचाई |
5244.49 |
इंडस्ट्रियल एलटी |
23423.23 |
इंडस्ट्रियल एचटी |
199745.62 |
रेलवे |
9182.16 |
मीटर रेंट |
617.80 |
व्हीलिंग चार्ज |
37147.39 |
कैपिटल वर्क |
2140.96 |
कंज्यूमर रीबेट |
7709.46 |