New Delhi : आज देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर द्रौपदी मुर्मू शपथ लेंगी. शपथ लेने से पहले द्रौपदी मुर्मू दिल्ली के राजघाट पहुंची. जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी कर ली गई है. शपथ ग्रहण समारोह सोमवार सुबह 10:15 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में होगा. राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन जायेंगी. उन्हें देश के मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलायेंगे. इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. पढ़ें – सावन की दूसरी सोमवारी, पहाड़ी मंदिर समेत राज्य के अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
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पीएम समेत कई सांसद और राज्यपाल रहेंगे मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य,कई राज्यों के राज्यपाल, कई मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी समारोह में शामिल होंगे.शपथ ग्रहण समारोह के समापने के बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होंगी. जहां उन्हें एक इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और निवर्तमान राष्ट्रपति का शिष्टाचार सम्मान किया जायेगा.
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द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक सफल
द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1997 में वे ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं. साल 1997 में ही मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनीं. 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में बीजेपी में मयूरभंज के जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. 2 बार बीजेपी से विधायक भी बनी और वह नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थीं. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार ओडिशा में चल रही थी. ओडिशा विधान सभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया. जिसके बाद झारखंड के राज्यपाल भी बनीं और आज देश की 15 वीं राष्ट्रपति बनने जा रही हैं.