Ranchi: करीब छह करोड़ की रिश्वतखोरी की सुनवाई के दौरान इडी ने रांची पुलिस पर फिर दो लोगों को गलत तरीके से हिरासत में लेने का आरोप लगाया.
सरकार की ओर से इडी द्वारा लगाये गये मौखिक आरोप को खारिज करते हुए आरोपों को लिखित तौर पर सबूत के साथ पेश करने की बात कही गयी. इसके बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तिथि निर्धारित की.
कथित रिश्वतखोरी के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग को लकेर इडी की ओर से दायर याचिका पर गुरूवार को न्यायाधीश एके चौधरी की अदालत में मामले की सुनवाई निर्धारित थी.
सुनवाई के दौरान इडी की ओर अपने अफसरों के खिलाफ फर्जी सबूत जुटाने के उद्देश्य से पुलिस पर दो लोगों को अनाधिकृत रुप से हिरासत में रखने का आरोप लगाया गया.
सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए इसे गलत बताया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि लिखित और सबूत के बिना इन आरोपों का कोई औचित्य नहीं है.
उल्लेखनीय है कि इडी ने सीबीआई मांग से जुड़ी याचिका मे पुलिस के खिलाफ इस तरह की बातें लिखित तौर पर कह चुकी है.
इडी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि पुलिस अधिवक्ता सुजीत कुमार और संजीव कुमार पांडये को ग़लत तरीके से हिरासत में रख कर इडी के खिलाफ सबूत जुटाने की कोशिश कर चुकी है.
इस कोशिश के दौरान पुलिस ने इडी के खिलाफ फर्जी तरीके से सबूत बनाने के उद्देश्य से 9/10/2024 को सुजीत का स्कॉर्पियो (JH-01FR-4730) जप्त दिखाया. इसके अलावा इसी दिन दोनों का मोबाईल भी जब्त दिखाया.
इडी ने इन तथ्यों की जांच में पाया कि सुजीत की स्कॉर्पियों में जीपीएस लगा हुआ है. जीपीएस से इस बात की पुष्टि हुई कि यह स्कॉर्पियों 5/10/2024 से ही पंडरा थाने में खड़ी थी.
इडी के मुताबिक पुलिस ने स्कॉर्पियो से एक डायरी जब्त किये जाने की बात कही है. इस डायरी में इडी के अधिकारियों को कांके के अंचल अधिकारियों को बचाने के नाम पर इडी के अफसरों को पैसा देने का उल्लेख किया गया है.
इडी ने पुलिस द्वारा जप्त दोनों फोन का लोकेशन जांच के दौरान अलग अलग स्थानों पर पाया. इडी ने जांच में पाया था कि पुलिस ने संजीव कुमार पांडेय को 5/10/2024 से 17/10/2024 तक गलत तरीके से अपने कब्जे रखा था.
इसी तरह अधिवक्ता सुजीत कुमार को भी 6/20/2024 से 17/20/2024 तक गलत तरीके से हिरासत में रखा था.
प्राथमिकी में जो आरोप हैं
- संजीव कुमार पांडेय ने 35 लाख रुपये दिये
- जय कुमार राम से 3.40 करोड़ रुपये और एक आइफोन दिये
- दिवाकर द्विवेदी ने 1.00 करोड़ रुपये दिये
- प्रभात भूषण ने 1.05 करोड़ रुपये दिये
क्या है पूरा मामला
इडी ने कांके अंचल कार्यालय की जांच के दौरान जमीन के मामले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने का मामला पकड़ा. थाने में कमलेश सिंह के खिलाफ जमीन की हेराफेरी के मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर इसीआईआर दर्ज कर मामले की जांच की.
इसके बाद इडी ने कमलेश कुमार सिंह, अंचल अधिकारी जय कुमार राम, पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी सहित छह के खिलाफ 24/9/2024 को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में आरोप पत्र दायर किया.
आरोप पत्र दायर करने के एक सप्ताह बाद पंडरा थाने में 6/10/2024 को दो प्राथमिकी दर्ज हुई. पहली प्राथमिकी अधिवक्ता सुजीत कुमार ने दर्ज करायी. इसमें उसका अपहरण करने सहित अन्य प्रकार के आरोप लगाये गये थे.
दूसरी प्राथमिकी संजीव कुमार पांडेय ने दर्ज करायी थी. इसमें अंचल अधिकारी जयकुमार राम और पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी को कांके अंचल में जमीन के दस्तावेज में जालसाजी कर खरीद बिक्री के मामले से इडी से बचाने के नाम पर अधिवक्ता सुजीत को रुपया और आईफ़ोन देने का आरोप लगाया गया था.
इडी ने दोनो प्राथमिकी के आधार पर इसीआईआर दर्ज कर मामले की जांच की. साथ ही हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर पंडरा थाना में दर्ज दोनों प्राथमिकी की जांच सीबीआई से कराने की मांग की.