Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गुरुवार को झारखंड सरकार के साथ जमीन घोटाला और 1000 के करोड़ अवैध खनन की जांच रिपोर्ट साझा की. इन दोनों मामलों में ईडी के द्वारा आरोप पत्र दायर किए गए हैं. इसमें आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की गई है. ईडी ने झारखंड सरकार से पीएमएलए अधिनियम की धारा 66 के तहत इसकी सिफारिश की है.
ईडी ने कहा है कि एजेंसी को इन मामलों में मिले हैं पर्याप्त सबूत
ईडी ने झारखंड सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है, कि इन मामलों में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड कानून (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करके भी कार्रवाई की जा सकती है. अवैध खनन घोटाले में मुख्य आरोपी पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश हैं, जबकि रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और व्यवसायी अमित अग्रवाल सहित अन्य लोग रांची भूमि घोटाले में आरोपी हैं. यह पांचवां मामला है जिसमें ईडी ने झारखंड सरकार से आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है. सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कहा है कि एजेंसी को इन मामलों में पर्याप्त सबूत मिले हैं और आईपीसी के तहत भी इनकी जांच करना राज्य के हित में होगी.
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जमीन जब्त करने के दिए गए तर्क को सरकार से किया साझा
ईडी ने राज्य सरकार के साथ सेना द्वारा कब्जा की गई जमीन और बजरा मौजा की जमीन को जब्त करने की जानकारी भी साझा की है. भूमि घोटाले में जालसाजी से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. वहीं, अवैध खनन के मामले में खनन अधिनियम समेत विभिन्न धाराएं लगाये जाने के भी पर्याप्त साक्ष्य हैं. दोनों मामलों में, अब तक की जांच रिपोर्ट राज्य के हित में है, ”ईडी ने कहा है. ईडी ने भूमि घोटाले में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ और बजरा की 7.16 एकड़ जमीन जब्त करने के दिए गए तर्क को सरकार से साझा किया है. यह भी बताया गया है कि इस मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़ागाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किये गये अन्य आरोपियों में सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी एस्टेट के निदेशक दिलीप घोष, दिलीप घोष के सहयोगी व्यवसायी अमित अग्रवाल, जमीन दलाल अफसर अली उर्फ अफसू खान, इम्तियाज अली, तल्हा खान, मोहम्मद सद्दाम, फैयाज खान, भरत प्रसाद और राजेश राय शामिल हैं. जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर आपसी सहयोग से बेचने का आरोप, सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से मूल दस्तावेजों में हेराफेरी करने के मामले की पुष्टि हुई है.
रांची के विभिन्न इलाकों में करीब 150 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेची गई
ईडी ने राज्य सरकार को यह भी बताया है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले अफसर अली ने रांची के विभिन्न इलाकों में करीब 150 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेची है. इसमें वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा. ईडी ने चेशायर होम रोड पर एक एकड़ जमीन की फर्जी खरीद-फरोख्त में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन और राजनेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश के बीच संबंध की भी रिपोर्ट सरकार को दी है. यह भी बताया गया है कि रांची में कैसे जालसाजों और अधिकारियों का गठजोड़ काम कर रहा था.
ईडी ने सरकार को यह भी बताया है कि साहिबगंज में पत्थर माफिया कैसे सक्रिय हैं
ईडी ने राज्य सरकार को बताया है, कि अवैध खनन मामले में उसने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई करते हुए अब तक पंकज मिश्रा समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अन्य गिरफ्तार आरोपियों में पंकज मिश्रा के सहयोगी बच्चू यादव, राजनेता और नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश, दाहू यादव के पिता पशुपति यादव, पंकज मिश्रा के सहयोगी कृष्ण कुमार साह, भगवान भगत और टिंकल भगत शामिल हैं. ईडी ने सरकार को यह भी जानकारी दी है कि सभी आरोपी एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं. अवैध खनन और अवैध परिवहन की रकम भी एक दूसरे के खाते में ट्रांसफर की गई है. ईडी ने साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन का खुलासा किया था. यह भी कहा है कि अब तक की जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि साहिबगंज में अवैध खनन का मास्टरमाइंड पंकज मिश्रा है, जिसके सह पर वहां अवैध खनन होता रहा है. ईडी ने कहा कि बैंकिंग लेनदेन, अनुसंधान में तथ्यों और पूछताछ में इन सभी आरोपों की पुष्टि हुई है.