NewDelhi : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने मोदी सरकार द्वारा लाये गये डिजिटल मीडिया नियमों को लेकर आपत्ति दर्ज की है. कहा है कि इससे डिजिटल मीडिया पर अनुचित प्रतिबंध लगेगा.
एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि सरकार इन नियमों को वापस लेने. गिल्ड का मानना है कि बेलगाम सोशल मीडिया को कंट्रोल करने के नाम पर सरकार मीडिया को मिली संवैधानिक सुरक्षा को छीन नहीं सकती.
The Editors Guild of India is concerned about the notification of Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules 2021. pic.twitter.com/7J2fFnZ5De
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) March 6, 2021
एडिटर्स गिल्ड के अनुसार नये नियम पूरी तरह से उस प्रक्रिया को बदल देते हैं, जिस तरह प्रकाशक इंटरनेट पर खबरें प्रसारित करते हैं. एडिटर्स गिल्ड ने कहा, इसके कारण भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को गहरा धक्का लगेगा.
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सरकार को असीमित शक्तियां प्रदान की गयी हैं
गिल्ड की चिंता है कि इन नियमों के तहत सरकार को असीमित शक्तियां प्रदान की गयी हैं. कहा कि नये नियमों से केंद्र सरकार को देश में कहीं भी प्रकाशित समाचारों को ब्लॉक करने, हटाने या संशोधित करने का अधिकार मिल गया है. यह सभी प्रकाशकों को एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के लिए बाध्य करते हैं.
एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि इस तरह के रिफॉर्म्स लाते समय सरकार ने इससे जुड़े हितधारकों से कोई विचार नहीं किया, इसलिए इन नियमों को लागू नहीं किया जाना चाहिए.
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सरकार ने सोशल मीडिया के लिए नये दिशा-निर्देशों की घोषणा की
बता दें कि मोदी सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग रोकने के लिए नये दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जिनके तहत संबंधित कंपनियों के लिए एक पूरा शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा. साथ ही ख़बर प्रकाशकों, ओटीटी मंचों और डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू होगी.
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2021 के नाम से लाये गये दिशानिर्देश देश के टेक्नोलॉजी नियामक क्षेत्र में करीब एक दशक में हुआ सबसे बड़ा बदलाव हैं. ये इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2011 के कुछ हिस्सों की जगह भी लेंगे.
नये बदलावों में कोड ऑफ एथिक्स एंड प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स इन रिलेशन टू डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया भी शामिल हैं. नये नियम ऑनलाइन न्यूज और डिजिटल मीडिया इकाइयों से लेकर नेटफ्लिक्स और अमेज़ॉन प्राइम पर भी लागू होंगे.
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सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर विरोध जताया
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि डिजिटल मीडिया पर खबरों के प्रकाशकों को भारतीय प्रेस परिषद की पत्रकारीय नियमावली तथा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियामकीय अधिनियम की कार्यक्रम संहिता का पालन करना होगा, जिससे ऑफलाइन (प्रिंट, टीवी) और डिजिटल मीडिया के बीच समान अवसर उपलब्ध हो.
नियम आने के बाद ऑनलाइन प्रकाशकों के संगठन डिजिपब ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर अपना विरोध भी जताया है. जान ले कि ऑनलाइन प्रकाशनों ने नये नियमों को अनुचित, इनके नियमन की प्रक्रिया को अलोकतांत्रिक और इनके क्रियान्वयन के तरीके को अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करार दिया है.
केंद्र ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब अमेजन प्राइम के तांडव’ सीरीज को लेकर विवाद चल रहा है. हिंदू देवताओं को अपमानित करने के आरोप में इसे बैन करने की मांग की जा रही है.