Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य के पांच प्रमुख शहरों – रांची, जमशेदपुर, दुमका, देवघर और साहेबगंज में स्पेशलाइज्ड थानों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए एक एकीकृत और कुशल प्रणाली विकसित करना है. प्रत्येक स्पेशलाइज्ड थाना भवन में साइबर थाना, महिला थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (एचटीयू) थाना और एससी-एसटी थाना होगा.
इससे लोगों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार की शिकायतें दर्ज कराने में आसानी होगी. इस योजना को डीजीपी अनुराग गुप्ता ने तैयार किया है और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेवारी आइजी प्रोविजन पंकज कंबोज को सौंपी गई है. इन थानों का निर्माण 25 डिसमिल जमीन पर किया जाएगा.ये भवन 7-8 मंजिला होंगे.
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महिलाओं के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले कमरे होंगे
ये भवन 7-8 मंजिला होंगे और इनमें महिलाओं के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले कमरे होंगे. जिनमें किचन और बाथरूम अटैच होंगे. एकीकृत भवन होने से पुलिस अधिकारी विभिन्न मामलों को अधिक कुशलता से संभाल पाएंगे और पीड़ितों को तुरंत न्याय दिलाने में सक्षम होंगे.
लोगों को अब विभिन्न थानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे अपनी शिकायतें एक ही स्थान पर दर्ज करा सकेंगे. स्पेशलाइज्ड थानों के होने से मामलों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित होगी और अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी.
ये होगा फायदा
-नागरिकों के लिए सुविधा: नागरिकों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार की पुलिस सेवाएं मिलेंगी, जिससे उनकी समय और ऊर्जा की बचत होगी.
-अधिक कुशलता: एकीकृत भवन होने से पुलिस अधिकारी विभिन्न मामलों को अधिक कुशलता से संभाल पाएंगे.
-अपराध पर अंकुश: स्पेशलाइज्ड थानों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अपराधों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया जा सकेगा.
-महिलाओं की सुरक्षा: महिलाओं के लिए अलग से सुविधाएं होने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
-अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लिए न्याय: एससी-एसटी थाने होने से अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगी.
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