NewDelhi : चुनाव आयोग चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर आज दिल्ली में बैठक करने जा रहा है. खबर है कि आयोग की टीमें जल्द ही इन राज्यों का दौरा भी कर सकती हैं. बता दें कि आज की बैठक पश्चिम बंगाल में पिछले दो दिन में बमबाजी और हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर अहम मानी जा रही है. सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग की टीम 23 मार्च को बंगाल के चार दिनी दौरे पर भी जायेगी.
सूत्रों के अनुसार पांचों राज्यों की स्थिति खास कर बंगाल में आगे के इंतजाम पर चर्चा की जायेगी. ह पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर अगले कदम तय किये जाने हैं. बता दें कि बंगाल में मुर्शिदाबाद क्षेत्र में दर्जनों बम पिछले दो दिन में मिले हैं. एक जगह 20 और एक अन्य जगह 15 बम बरामद होने की जानकारी भी मिली है.
बैरकपुर में बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के घर पर तोड़फोड़ के आरोप टीएमसी पर लगे हैं. नंदीग्राम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना सहित कई छिटपुट घटनाएं हुई हैं. दूसरी तरफ टीएमसी के भी कुछ नेता नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी पर हमले कराने के आरोप लगा कर आज दिल्ली में आयोग के अधिकारियों से मिल रहे हैं.
केरल, असम, तमिलनाडु में भी छिटपुट घटना
केरल, असम, तमिलनाडु में भी कुछ जगह छिटपुट घटनाओं की खबरें आई हैं. बंगाल और असम में 27 मार्च को पहले चरण के मतदान का दिन भी अब करीब आ रहा है. दोनों जगह 1 अप्रैल को दूसरे चरण का नामांकन पूरा हो चुका है. 6 अप्रैल को तीसरे चरण के नामांकन का आज अंतिम दिन है. आज ही तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में भी एक ही चरण में 6 अप्रैल को होने वाले चुनावों के नामांकन का भी अंतिम दिन है.
केंद्रीय बलों की तैनाती पर टीएमसी का विरोध
उधर, पश्चिम बंगाल में मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में राज्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी रोकने के चुनाव आयोग के कथित फैसले के खिलाफ टीएमसी ने विरोध दर्ज कराया है. शुक्रवार को पार्टी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर कहा, ‘ऐसा बताया गया है कि चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिस की मौजूदगी की इजाजत न देने का फैसला किया है. ऐसी जगहों पर सिर्फ केंद्रीय बलों की तैनाती होगी. आयोग का यह असामान्य फैसला सिर्फ पश्चिम बंगाल के लिए है, चुनाव वाले बाकी राज्यों के लिए नहीं.
निष्पक्ष चुनाव वास्तविकता से बहुत दूर !
टीएमसी ने कहा है कि राज्य और केंद्रीय पुलिस बल दोनों की संयुक्त टीमों को मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में तैनात किया जाना चाहिए. केंद्रीय बलों की तैनाती कानून-व्यवस्था को संभालने में राज्य सरकार की मदद के लिए होनी चाहिए, न कि राज्य पुलिसकर्मियों का जानबूझकर अपमान करने के लिए. आरोप लगाया कि बंगाल में निष्पक्ष चुनाव वास्तविकता से बहुत दूर होता जा रहा है.