Sanjay Singh
देश की बड़की पार्टिया में एगो चचा जी हैं. बुजुर्ग तो होइए गए हैं, लेकिन अभियो खूब भाग दौड़ कईले हैं. ऑपरेशन करावे के बाद भी तेजी से भाग-दौड़ कईले हैं. पार्टी के कार्यक्रम में भी ढेरे उछल-कूद मचाईले रहते हैं. पार्टिया में सब सुख भोग लीहिन हैं, लेकिन विधायकी छोड़े के नामे न ले रहिन हैं. टिकट लगी हंफनी धईले है. आखिर हंफनी काहें न धरे भाई, सत्ता सुख के मजे कुछ और है. चचा यानी कमल वाले अंकिल जी ढेरे दिन से राजधानिया में कमल खिलाईले हैं. मिलनसार भी हैं, जे बुलाया, ओकरे पास हाजिर हो जाते हैं. पार्टिया के लोग पैरवी करावे लगी आता है, तो चचा तनिका साफ-साफ बोल देते हैं, फिर का है, भाई लोग तुनक जाता है. कहे लगता है कि चचवा के भावे बढ़ गेले हऊ रे भाई. ठीके हऊ… अबकी नई लगा हऊ कि पार्टिया हाड़े हरदी लगे देतऊ. चचवा के जेतना चिड़चिड़ाए ला है, चिड़चिड़ाए दीजिए. ढेरे दिन हो गेले हऊ. पार्टिए में लोग कहे लगल है कि 70 पार वाला लोग के तो अबकी टिकटवे पार है.
हालांकि पार्टिया में लोग ईहो मानता है कि चचवा से कोई जोड़ नहीं है भाई. चचा काफी नीचे से उपरे तक पहुंचिन हैं. पहिले कुरता व मोहरीवाला पजमा पहिनले घूमईत रहते थे. एगो पुरनका मॉडल की मोटरसाईकिल रखले थे. ओकरे से पार्टी के विज्ञप्ति बांटले रहते थे. लेकिन अब तो चचा के पूछिए मत. अब चचा रईस हो गए हैं. मालामाल हैं. चचा पहिले जिए-खाये ला तनिका ठेका-पट्टी भी कईले रहते थे, तो ठेकेदारी से भी नश-नश से वाकिफ हैं. अभियो इलाके में कहीं कोई नली-गली बनता है, तो चचा देखिए के आंक लेते हैं कि कितना गड़बड़ी है. लाल बत्ती के मजा भी चचा मार लीहिन हैं. विधानसभा में भी सबसे ऊपरवाला ओहदा मिलल था. चचा के लिए कहल जाता है – सब सुख लैहे तुम्हारी (कमल फूल) सरना, तुम रक्षक काहें को डरना. इसलिए चचा फिर से आखिरी राउंड के गेम खेले ला हाथ पैर मारले हैं. वइसे चचा अब हैसियत वाला भी हो गईल हैं.
उधर नयकन छोकड़वन लोग भी चचा के चुनौती देवे ला कमर कस कर तैयार है. नयका लड़कवन सब पार्टी में टिकट लगी ढेरे फास्ट फूड टाईप पैडल मारले है, ओकरो से चचा तनिका परेशान तो हईए हैं, लेकिन उपरे से शो न होवे दे रहल हैं. चचा तो ईहे कहते हैं- ठीक है भाई, ई लोग यंग ब्लड जरूर है, लेकिन अभियो ऊ जेतना तेज भाग लेते हैं, ओतना लड़कवन नहीं भागे सकेगा. चचा यानि अंकिल बोलते हैं कि कोईयो के बोलने से का होता है. अभी हमरो कोनो उम्र हुआ है का. हमरा तो ईहां गली-गली में बच्चा से लेकर बूढ़ा तक जानता है. राजधानी के सीटवा के लोग हॉट सीट कहता है, सो ढेरे लोग ई सीटवा पर नजर गड़ाईले है, लेकिन देखिए आगे-आगे होता है क्या. वईसे पार्टी के यंग जेनेरेशन का कहना है कि भाई अब तो बहुते हो गया.अब तो चचा के खुद ही पिंड छोड़ देना चाही. लेकिन चचा हैं कि फिर से ताल ठोकले हैं. जेने-तेने गीत गईले घुरले हैं- अभी तो मैं जवान हूं. तो गीत गाए से का होगा. अब चचा मागदर्शक मंडल में जाएं, नौजवानों को आगे लायें.
वईसे चचा का जे नेचर पहिले से था, ऊ अभियो है. चचा माने लगी तैयारे न हैं कि उनका उम्र हो गिया है. कहते हैं, अभी हमरा उम्र ही का हो रहा है. कहते हैं, मान लिया जाए कि 70 वाला लोग के साइड करल जा सकता है, लेकिन हम तो भाई 69 हैं. हमरा तो हक बनता ही न. हमने राजधानी को ढेरे कुछ दिया है. सभे नली-गली को दुरूस्त कर दिया है. लेकिन उनके पार्टिए के छोटका नेताजी लोगन कहले है, सो तो ठीके है. चचा ने ढेरे नली-गली कीहिन है, लेकिन एगो नदियो के तो नाला बनावे के क्रेडिट उनके ही खाते में जाता है न. भाई 96 करोड़ खर्च करके बाभी नदिया के करिया नाला तो उनके मंत्री रहते ही न बना दिया गया. अभियो शहरवा में जेने-तेने पानी घुटना तक जाम जाता है, तो चचा ई सब के जिम्मेवारिया से कईसे बच सकते हैं. केतनो मुंह बिचका के बोल लें, पावर में रहते चचा भी कम खेला नहीं किए हैं. देखल जाए, चचा के जवानी जिंदाबाद रहता है कि नयकन लडकवन लंघी मार के पटकनिया दे देता है.
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