20 नवंबर को सिल्ली व खिजरी में वोटिंग
Ranchi : झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहला चरण 13 नवंबर को और दूसरा चरण 20 नवंबर को है. वहीं रांची जिले की सात विधानसभा सीटों में से पांच (रांची, हटिया, कांके, मांडर और तमाड़) में पहले चरण में मतदान होगा. जबकि बाकी बचे दो विधानसभा सीट (सिल्ली और खिजरी) में दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट होगा. पहले चरण में जिन पांच सीटों पर मतदान होना है, उनमें कई सीटों पर इस बार राजनीतिक परिदृश्य बदले-बदले नजर आ रहे हैं. इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेजयल, विकास और कानून व्यवस्था प्रमुख मुद्दों में शामिल रहे. इस बार रांची की सभी सीटों पर एनडीए और इंडिया ब्लॉक के धुरंधरों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि कुछ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में जुटे हैं.
रांची सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला
रांची विधानसभा सीट से भाजपा ने इस बार भी सीपी सिंह को प्रत्याशी बनाया है. सीपी सिंह 1996 से लगातार छह बार रांची से विधायक रहे हैं. हालांकि इस बार यहां काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. क्योंकि इंडिया ब्लॉक के प्रमुख घटक झामुमो ने सीपी सिंह के खिलाफ राज्यसभा सांसद महुआ माजी को चुनावी मैदान में उतारा है. 2019 में भी झामुमो की टिकट पर महुआ माजी ने चुनाव लड़ा था और सीपी सिंह को कड़ी टक्कर दी थी.
हटिया सीट पर हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला
हटिया विधानसभा सीट की बात करें तो भाजपा ने सिटिंग विधायक नवीन जायसवाल को प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने 2019 के चुनाव में भी भाजपा की टिकट पर जीत हासिल की थी. इस सीट पर कांग्रेस ने अजय नाथ शाहदेव को फिर चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में भी इस सीट से यही दोनों प्रत्याशी आमने-सामने थे. इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी भरत काशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाते दिख रहे हैं.
कांके का राजनीतिक परिदृश्य बदला, हमेशा से चर्चा में रहा तमाड़ सीट
कांके सीट पर इस बार राजनीतिक परिदृश्य बदला है. भाजपा ने समरी लाल की जगह पूर्व विधायक डॉ. जीतू चरण राम को मौका दिया है. उनके खिलाफ इस बार भी कांग्रेस से सुरेश कुमार बैठा हैं. रांची जिले का तमाड़ विधानसभा सीट हमेशा से चर्चा में रहा है. इस सीट पर झामुमो के विकास मुंडा और एनडीए के घटक दल जदयू के राजा पीटर के बीच मुख्य मुकाबला है. पूर्व मंत्री राजा पीटर उर्फ गोपाल कृष्ण पातर ने वर्ष 2009 में हुए उपचुनाव में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को हराकर पहली बार चर्चा में आये थे. इसके बाद शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
कांग्रेस का गढ़ माना जाता है मांडर सीट
मांडर विधानसभा सीट वर्तमान समय में कांग्रेस के कब्जे में है. एक बार फिर कांग्रेस ने सिटिंग विधायक शिल्पी नेहा तिर्की को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा की ओर से सन्नी टोप्पो उनको कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं. मांडर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. राज्य के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने 2019 में इस सीट से जेवीएम से चुनाव जीता था. बाद में आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बंधु तिर्की को 3 साल की सजा सुनायी, तो उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो गयी. वर्ष 2022 में मांडर विधानसभा में उपचुनाव हुआ और कांग्रेस के टिकट पर बंधु तिर्की की बेटी शिल्पा नेहा तिर्की ने चुनाव जीता.