खास बातें
- प्रदूषण बोर्ड ने जारी किया सीओटी और सीटीई रद्द करने का आदेश
- छह साल में 500 से अधिक खनन पट्टों तो मिसा है सीटीओ और सीटीइ
- अब खनन पट्टों को सीटीओ व सीटीई सिया जारी करेगा.
RAVI BHARTI
Ranchi: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक आदेश जारी कर 500 से अधिक खनन परियोजनाओं को जारी सीटीओ( कनसंर्ट टू ऑपरेट, संचालन सहमति) और सीटीई( कनसंर्ट टू एस्टेबलिसमेंट, स्थापना सहमति) रद्द कर दिया है. इसके साथ ही इन खनन परियोजनाओं में खनन कार्य बंद हो गया है. बोर्ड ने यह आदेश 17 मई को जारी कर दिया है. ऐसी सभी परियोजनाओं को निर्देश दिया गया है कि वह खनन कार्य को तत्काल प्रभाव से बंद कर दें. ऐसा नहीं करने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. आदेश जारी होने के बाद खनन कार्य में लगी छोटी-बड़ी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई है. इस तरह की कार्रवाई की वजह यह बतायी जा रही है कि पिछले छह सालों में बोर्ड ने तय मापदंडों का पालन कराये बिना ही सीटीओ व सीटीई जारी कर दिया. साथ ही विभिन्न मामलों में सुनवाई के दौरान एनजीटी को गलत जानकारी दी.
जिला स्तर से खनन परियोजनाओं के लिए सीटीओ और सीटीई दिए गए हैं. सभी को रद्द कर दिया गया है. सभी रद्द किए गए सीटीओ और सीटीइ का एसेसमेंट किया जा रहा है. अब शिया से सीटीओ और सीटीई लेना होगा.
शशिकर सामंता( अध्यक्ष, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)
बोर्ड के अध्यक्ष शशिकर सामंता के हस्ताक्षर से जारी आदेश के मुताबिक उन खनन पटों का सीटीओ व सीटाई रद्द किया गया है, जिन्हें 13 सितंबर 2018 के बाद जारी किया गया था. अब खनन परियोजनाओं को सीटीओ और सीटीई सर्टिफिकेट सिया (स्टेट इंवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट ऑथिरिटी) जारी करेगा. इस आदेश का असर 500 से अधिक कंपनियों पर पड़ेगा. कंपनियों में पत्थर खनन करने वाली 165 कंपनी, लौह अयस्क का खनन करने वाली 72 कंपनी, कोयला खनन करने वाली 105 और बालू का खनन करने वाली 157 कंपनियां शामिल हैं.
क्या है प्रदूषण बोर्ड का आदेश
बोर्ड ने अपने आदेश में लिखा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रधान खंडपीठ, नई दिल्ली द्वारा 18 अप्रैल 2024 को पारित आदेश के अनुपालन करते हुए यह फैसला लिया गया है. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किया था. जिसमें कहा गया है कि वैसे सभी खनन परियोजनाएं, जिन्हे संबंधित डीइआइएए द्वारा 13 सितंबर 2018 के बाद खनन पट्टा के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति दी गई थी, उसे रद्द किया जाए. इसके साथ ही उस पर्यावरणीय स्वीकृति को आधार बनाकर पर्षद द्वारा जिन कंपनियों को सीटीई व सीटीओ जारी किया गया है, उसे रद्द कर दिया जाये. यह कार्रवाई जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 3301 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31:0) के तहत की गई है.
अब तक शिया के पास सीटीओ और सीटीई के लिए एक भी आवेदन नहीं आया है। कमलेश पांडेय (अध्यक्ष, शिया)
अवैध खनन के खिलाफ 6597 प्राथमिकी
झारखंड में अवैध खनन के खिलाफ वर्ष 2019 से लेकर अब तक कुल 6597 प्राथमिकी दर्ज की गई है. साथ ही अवैध ढुलाई में उपयोग किये गए कुल 12,280 वाहनों को जब्त किया गया है. सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए कई तरह की व्यवस्था की, लेकिन यह रुका नहीं. सरकार ने पारदर्शिता तय करने के लिए ई-परमिट, ई-चालान, ई-भुगतान आदि जैसे ऑनलाईन सिस्टम लागू किए. इन सबके बाद भी अवैध खनन नहीं रोका जा सका है.
एनजीटी ने मांगी थी क्रशरों के सीओटी की जानकारी
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से दो जानकारी मांगी थी. पहली साहिबगंज सहित अन्य जिलों में प्रदूषण का मापदंड क्या है और दूसरी पर्टिकुलेट मैटर (धूलकण) 10 माइक्रॉन से अधिक है या नहीं. प्रदूषण बोर्ड इसका सही जवाब नहीं दे सकी. बाद में इसकी जांच के लिए प्रदूषण बोर्ड ने मशीन मंगवाई, लेकिन मशीन से जांच सही हो रहा है या नहीं, यह पता करने का कोई सिस्टम बोर्ड के पास नहीं है. बोर्ड ने दुमका रिजनल ऑफिस से एक चेकलिस्ट जारी किया, जिसमें कहा गया कि क्रशरों का बाउंड्री वॉल, ग्रीन बेल्ट, पानी पटाने की व्यवस्था नहीं है. इस पर एनजीटी ने सवाल किया कि बिना शर्तों को पूरा किए बोर्ड ने कंसेंट टू एस्टेब्लिश और कंसेंट टू ऑपरेट कैसे दिया. बताते चलें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संथाल परगना के साहिबगंज में लगभग 200 क्रशरों को कंसेंट टू एस्टेब्लिश और कंसेंट टू ऑपरेट दिया.
अब तक एक अरब 26 लाख रुपए का जुर्माना
झारखंड राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने हलफनामा में ट्रिब्यूनल को बताया कि पत्थर कारोबारियों पर एक अरब छब्बीस लाख पचपन हजार चार सौ साठ रुपये का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का जुर्माना लगाया गया है. जिसमें कुल 97 लाख 25 हजार 624 रुपये की वसूली हुई है. 120 पत्थर कारोबारियों ने जुर्माना राशि में पुनर्विचार के लिए प्रदूषण बोर्ड में आवेदन दिया है। 11 पत्थर कारोबारियों ने झारखंड हाईकोर्ट में रिट दायर की है.
इन कंपनियों का रद्द होगा सीटीओ
मेसर्स साई आशीर्वाद स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- संजय कुमार जायसवाल,
ईको फ्रेंडली इंफ्रा टेक्नोलॉजी प्राईवेट लिमिटेड, प्रोपराईटर- सिद्धार्थ तुलसीयान,
गोल्डन स्टोन हार्वेस्ट प्राईवेट लिमिटेड, प्रोपराईटर- राकेश कुमार,
शक्ति स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- शंभु जजोदिया,
बुधवा पहाड़िया, प्रोपराईटर- बुधवा पहाड़िया,
जय मां भगवती स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- हीरालाल भगत,
मोहन एंड संजय स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- संजय कुमार यादव,
राम कृष्ण पत्थर उद्योग, प्रोपराईटर- राज नारायण चौधरी,
सुनील कुमार सिंह, प्रोपराईटर- सुनील कुमार सिंह,
शिवम स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- चंद्रशेखर आजाद,
राज स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- प्रेम प्रकाश चौधरी,
एमएस सिफा ग्रुप, प्रोपराईटर- तरूण कुमार,
एडी स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- धनंजय तिवारी,
अनन्या स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- लक्ष्मण कुमार चौधरी,
एमएल स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- संजय कुमार,
राज स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मो आरिफ जफर,
नीलकंठ स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- देवांशु जजोदिया,
जय हनुमान स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- फुलचन पासवान तथा राजकुमार भगत,
स्टार स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मुर्शिद आलम,
करमबी स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मो एहतेशाम,
बालाजी प्रोडक्शन, प्रोपराईटर- प्रशांत घोष,
सिंह स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- तपन कुमार सिंह,
शमीम स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मो शमीम,
मो मुस्तकीम अंसारी स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मो मुस्तकीम अंसारी,
मेसर्स नेहा ब्लैक स्टोन वर्क्स (स्टोन माइंस), प्रोपराईटर- मो अख्तर आलम,
मेसर्स स्टार इंडिया इंडस्ट्रीज (स्टोन माइंस), प्रोपराईटर- अजय कुमार भगत,
मेसर्स शिवशक्ति स्टोन वर्क्स (स्टोन माइंस), प्रोपराईटर- शंकर कुमार,
मेसर्स आदर्श ग्रुप (स्टोन माइंस), प्रोपराईटर- मो आरिफ जफर एवं अन्य,
रितिका स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- सुशील कुमार,
सौरभ स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- गणेश प्रसाद तिवारी,
मेसर्स बजरंग स्टोन, प्रोपराईटर- आलोक रंजन,
नारायण स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- बिमला त्रिपाठी,
पहाड़िया स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मतिउल हक,
अब्बास एंड संस, प्रोपराईटर- अनीस अंसारी,
सुभद्रा स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- रमेश रंजन चौधरी,
न्यू राजा स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मदन कांत,
अवध किशोर एंड संस, प्रोपराईटर- अवध किशोर सिंह,
स्टार स्टोन वर्क्स, प्रोपराईटर- मो जाफर