Ranchi: पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) के एक पूर्व उपायुक्त के गलत आदेश से एक निजी कंपनी को 500 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. डीसी के गलत आदेश की वजह से ओएमएम नामक कंपनी 500 करोड़ रुपया जुर्माना देने से बच गयी. डीसी द्वारा खनन पदाधिकारी को लिखे गये पत्र की कॉपी लगातार.. के पास उपलब्ध है. राय ने कहा है कि डीसी को ऐसा करने का अधिकार ही नहीं था. निजी कंपनी को जानबूझ कर लाभ पहुंचाना भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत दंडनीय अपराध है.
इसे भी पढ़ें-सरयू राय का खुलासा
शाह कमीशन ने निरीक्षण में पकड़ा था मामला
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व मंत्री सरयू राय ने बुधवार को दो ट्वीट किये हैं. सरयू राय ने कहा है कि उपायुक्त ने जानबूझ कर एक निजी व्यवसायी को लाभ पहुंचाया. यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के तहत दंडनीय अपराध है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए लिखा है कि उस तत्कालीन डीसी के खिलाफ कार्रवाई करें. जानकारी के मुताबिक ओएमएम कंपनी ने वर्ष 2008-09 में 0.180 मिलियन टन, वर्ष 2009-10 में 1.214 मिलियन टन और वर्ष 2010-11 में 1.265 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्खनन किया. 14, 15 व 16 अप्रैल को शाह कमीशन के द्वारा निरीक्षण किया गया था, जिसमें पता चला कि उत्खनन का काम वन एवं पर्यावरण विभाग के निर्देशानुसार नहीं किया गया है. इसलिए कार्रवाई की जानी है. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा दी गयी सहमति के अनुसार वर्ष 2008-09 से 2011-12 तक 0.6 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन निर्धारित था. इस तरह कंपनी द्वारा करीब 12.30 लाख टन अधिक उत्पादन किया गया.
इसे भी पढ़ें-शाह ब्रदर्स मामला- अब क्या अंजाम पायेगी सरयू राय की मुहिम?
खनन पदाधिकारी को चिट्ठी भेज दिया निर्देश
18.05.2012 को लिखे पत्र के पहले पन्ने के अंत में चाईबासा के डीसी ने उल्लेख किया है कि इस अपराध के लिए कंपनी के खिलाफ चाईबासा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर किया गया. इसकी जांच चल रही है. पत्र के दूसरे पन्ने पर डीसी ने खनन पदाधिकारी को अपने निर्णय का उल्लेख किया है. लिखा हैः कंपनी के द्वारा वर्ष 2009-10 में किये गये 0.615 मिलियन टन के अधिक उत्पादन को वर्ष 2012-13 के वार्षिक उत्पादन 2.00 मिलियन टन में से Compensate करने के लिए कम किया जाता है. इसी प्रकार वर्ष 2010-11 में कंपनी द्वारा किये गये 0.665 मिलियन टन अधिक उत्पादन को वर्ष 2013-14 के वार्षिक उत्पादन 2 मिलियन टन से कम करने का निर्देश दिया जाता है.
जुर्माना लगाने के बदले कंपनसेट कर दिया डीसी ने
इस तरह जिस गलत काम के लिए कंपनी पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए था, उस काम के लिए डीसी ने अपने स्तर से कंपनसेट करने का आदेश दे दिया. पूर्व मंत्री सरयू राय ने लगातार...से बात करते हुए कहा कि उपायुक्त का यह आदेश गैरकानूनी है. इससे सरकार को करीब 500 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्कालीन उपायुक्त को चिह्नित करके कार्रवाई की जाये.
इसे भी पढ़ें-शाह ब्रदर्स को करमपदा माइंस में खनन और बिक्री का आदेश गलत- सरयू राय