Washington/ NewDelhi : भारत के पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई के अनुसार तहव्वुर राणा की मुंबई नरसंहार में बहुत छोटी भूमिका थी. उनका कहना है कि मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिकी सरकार का संरक्षण मिला हुआ है.
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा आज गुरुवार को भारत लाया जा चुका है. अमेरिका से तहव्वुर राणा तो प्रत्यर्पण किये जाने को केंद्र सरकार, भारतीय एजेंसियों की बड़ी सफलता मानी जा रही है.
द हिंदू को दिये गये एक इंटरव्यू के जीके पिल्लई ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने आतंकी योजना के बारे में जानने के बावजूद राणा के स्कूल के दोस्त और मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली को भारत विरोधी गतिविधि जारी रखने इजाजत दी.
जीके पिल्लई ने कहा कि डेविड कोलमैन हेडली अमेरिकी सरकार और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए एक डबल एजेंट का काम कर रहा था. जीके पिल्लई के अनुसार साल 2009 में हेडली की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका ने उसके साथ सौदेबाजी की पेशकश की और उसका भारत में प्रत्यर्पण को रोक दिया.
जीके पिल्लई ने अपने इंटरव्यू में कहा कि 26/11 के हमले के बाद हेडली मुंबई वापस आया था. अगर हमें यह जानकारी होती तो हम उसे मुंबई में गिरफ्तार कर सकते थे. लेकिन अमेरिका सिर्फ अपने हितों की परवाह करता है
तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण की महत्ता के सवाल पर श्री पिल्लई ने कहा कि हेडली को भारत आने. उसे कानूनी कवर प्रदान करने में उसकी(राणा) भूमिका छोटी और निष्क्रिय भूमिका थी, अपनी यात्राओं के क्रम में हेडली ने आतंकवादियों को लानेवाली नाव के उतरने वाली जगहों को चिह्नित करते हुए इन सभी जगहों की टोह ली थी. उसकी जानकारी पाकिस्तानी ISI को दी थी.
जान लें कि जीके पिल्लई के कार्यकाल के समय अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा हेडली और तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया गया था, हमले के लगभग एक साल बाद दोनों गिरफ्तार किये गये थे. मुंबई हमले में 166 लोग मारे गये थे. द हिंदू ने पिल्लई के हवाले से कहा है कि हो सकता है, बाद में NIA को महत्वपूर्ण सबूत आये हाथ लगे होंगे.
कहा कि कानूनी प्रक्रिया में काफी समय लगता है खासकर प्रत्यर्पण में तो काफी समय लगता है. उन्होंने कहा कि अब तक जमा किये गये सबूतों के आधार पर राणा को दोषी ठहराया जायेगा. द हिंदू के अनुसार पिल्लई ने कहा कि 26/11 से पहले हेडली भारत की कई यात्राएं की थीं.
भारत से उसने अपने अमेरिकी पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्रा की थी. हमारी खुफिया एजेंसियों को उसके पाकिस्तानी एजेंट होने पर शक नहीं था, लेकिन वह अमेरिकी पासपोर्ट पर आया था और एक श्वेत अमेरिकी था. अमेरिकियों ने चतुरता से उसकी पाकिस्तानी होने की पहचान छिपाई थी.
डेविड कोलमैन हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी है. वह एक पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक है, उसका जन्म वाशिंगटन डीसी में एक पाकिस्तानी पिता और अमेरिकी मां के घर हुआ था. हेडली ने 2006 से 2008 के बीच कई बार भारत की यात्रा की और मुंबई के उन सभी स्थानों की रेकी की, जहां हमला करना था.
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