Garhwa: मुहर्रम के मौके पर बुधवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित हुए. विभिन्न गावों में आयोजित कार्यक्रम में गढ़वा विधायक पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर शामिल हुए. मुहर्रम इंतजामिया कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम ग्राम दरमी, सिदे, कादरी नगर चमरही, संग्रहे खुर्द, कल्याणपुर, छतरपुर, चरका पत्थर मेराल, बीरबंधा तथा जिला मुख्यालय स्थित कर्बला के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ठाकुर शामिल हुए. इस दौरान कमेटी के लोगों ने मंत्री ठाकुर का भव्य स्वागत किया. कमेटी के लोगों ने माला पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर, तलवार देकर एवं तीर-धनुष प्रदान कर मंत्री को सम्मानित किया. मौके पर मंत्री ठाकुर ने कहा कि मुहर्रम महीने का हर दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए अहम होता है. इस महीने का 10वां दिन बहुत ही खास माना जाता है. इसी दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. मुस्लिम समुदाय मुहर्रम को गम के रूप में मनाते हैं.
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इमाम हुसैन साहब ने अन्याय, बुराई के विरूद्ध घुटने नहीं टेके. बड़ी से बड़ी ताकतों के आगे वे झुके नहीं. यदि वे हार मान जाते या समझौता कर लेते तो आज इस्लाम का वजूद नहीं रहता. उनसे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए. अपने हक अधिकार के लिए हमें बड़ी से बड़ी ताकतों के आगे झुकना नहीं चाहिए. बल्कि आगे बढ़कर अपना हक अधिकार लेना चाहिए. मंत्री ने कहा कि जो लोग समाज को कमजोर करते हैं, अधर्म के रास्ते पर ले जाते हैं, समाज में विभेद पैदा करते हैं वैसी ताकतों से डटकर मुकाबला करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गढ़वा आपसी, एकता एवं भाईचारा का मिशाल है. यहां सभी जाति, धर्म के लोग आपस में मिलजुलकर एक-दूसरे के पर्व त्यौहार एवं सुख-दुख में हिस्सा लेते हैं. जो लोग इसमें खलल डालने की कोशिश करते हैं सभी लोग मिलकर मुंहतोड़ जवाब देते हैं.
मंत्री ने कहा कि जो लोग समाज में एक-दूसरे को आपस में लड़़वाने, बांटने एवं विभेद पैदा करने का काम करते हैं वे न तो मुस्लिम हैं, न हिंदु हैं, न सिक्ख हैं, न इसाई हैं. वैसे लोग शैतान होते हैं. वैसे लोगों से हमें सावधान रहने की जरूरत है. मौके पर मुख्य रूप से झामुमो जिलाध्यक्ष तनवीर आलम, सचिव मनोज ठाकुर, मिथिलेश पासवान, सोनल पासवान, संजय चौधरी, अनिल पासवान, सलीम जाफर, दिलीप गुप्ता, अंकित पांडेय, साकिर अंसारी, एनुल खान, सुलतान अंसारी, कमालु, सरपरस्त मो. इब्राहिम अंसारी, सदर नौजवान कमिटी इरफान अंसारी, सदर शमीम अंसारी, शहाबुद्दीन अंसारी, अयूब अंसारी, सदर अख्तर खां, शेख रहमतुल्लाह हाजी, शेख फहीम, शेख मंसूर हाजी, शेख एजाजुल, एकबाल खां, हाजी जसीमुद्दीन खां, परिखन विश्वकर्मा, जैदुल्लाह, शफीक खां, तहजीब खां, उपेंद्र सिंह, डॉ बीरबल विश्वकर्मा, निसार खान, सत्येंद्र सिंह, तहजीब आलम, प्रेम कुमार, मुंद्रिका राम, सदर रहमत खान, सेक्रेटरी युनूस खान, बाबर खान, मोजम्मिल अंसारी, शहंशाह आलम, अनवर हुसैन सरपरस्त, खुसमुद्दीन खां, सलाहुद्दीन खान, इश्फाक खान सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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