Ghatshila (Rajesh Chowbey) : मासूनन में देरी के कारण प्रखंड में बारिश नहीं होने से किसान मायूस हैं. धान की रोपनी का समय गुजरता जा रहा है लेकिन किसान खेत में धान का बिचड़ा नही डाल पा रहे हैं. कुछ वैसे किसान, जिनके खेत के पास नहर, तालाब और बोरिंग के पानी की सुविधा है, वह धान का बिचड़ा खेत में डालकर कर तैयार कर रहे हैं, ऐसे किसानों का बिचड़ा अगले 10 दिनों के अंदर रोपनी के लायक हो जायेगाा. लेकिन ऐसे किसानों की संख्या गिनीचुनी ही है. इस संबंध में दामपाडा क्षेत्र के किसान शशी भुषण मानकी, रायसेन मुर्मू समेत अन्य किसानों का कहना है कि धान का बिचड़ा डालने का उचित समय एक से लेकर 20 जून तक होता है. अगर धान का बिचड़ा समय पर तैयार हो जाता है तो पहली बारिश में ही इसे रोपा जा सकता है.
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यहां का प्रमुख फसल धान ही है
इस बार प्रचंड गर्मी के कारण जमीन की नमी पूरी तरह से सुख गई है. बारिश समय पर होने की आस में खेत से खर पतवार निकालने के लिए जुताई कर दी थी, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण जो बचीखुची नमी थी, वह भी चली गयी. अब स्थिति ऐसी उत्पन हो गई है कि बिना बारिश के खेत में बिचड़ा कैसे डालेंगे. बारिश में देर हुई तो किसानों की उम्मीद और डूबती चली जायेगी. अगर दो चार दिन के अंदर बारिश नही होती है तो किसान की कमर ही टूट जायेगी. क्योंकि यहां की प्रमुख फसल धान ही है.
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30 जून तक डाल सकते हैं धान का बीज
धान का बिचड़ा एक से लेकर 30 जून तक खेत में डाल सकते हैं. किसान कुछ दिन और इंतजार करें. लेकिन किसान को यह ध्यान रखने की जरूरत है कि कम दिन वाला धान का बीज अब खेत में डाले तो ज्यादा फायदा होगा.
-प्रहलाद पुष्टी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी
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