Ghatshila (Rajesh Chowbey) : सिदो कानू हुलगरिया मैदान कीताडीह में रविवार को माझी परगना महाल घाटशिला के द्वारा एकदिवसीय वन अधिकार सम्मेलन का आयोजन बहादुर सोलंकी अध्यक्षता में आयोजित की गई. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मदन मोहन सोरेन ने कहा कि सरकार द्वारा बनाये गये वन अधिकार अधिनियम का सही से अनुपालन पदाधिकारी द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसके कारण यहां के आदिवासी गांव जंगल से अलग होते जा रहे हैं. हमारी मांग है कि जल जंगल जमीन हमारा है. पूरे राज्य में तीन तरह का वन पट्टा दिया जाना है इसमें व्यक्तिगत वन पट्टा, सामुदायिक वन पट्टा एवं सामुदायिक संसाधन वन पट्टा. पर व्यक्तिगत वन पट्टा ही दिया जा रहा है.
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वन अधिकार अधिनियम की दी गई जानकारी
सामूहिक एवं सामूहिक संरक्षण वन पट्टा दिए जाने से वन विभाग एवं सरकार का मलिकाना अधिकार खत्म हो जाएगा और गांव वाले का अधिकार स्थापित होगा. उन्होंने कहा कि अपने अधिकार और हक को लेने के लिए सर्वप्रथम ग्राम सभा को सशक्त और मजबूत करना होगा. इसके अलावा वन अधिकार अधिनियम के संबंध में ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी दी गई. मौके मुख्य रूप से सुधीर कुमार सोरेन, मेघराय सोरेन, जयपाल मुर्मू, दशरथ हेंब्रम, बायला मार्डी, ज्ञान सोरेन, अरुण सोरेन, सुखलाल हेंब्रम, हरिपद महतो सहिता अन्य उपस्थित थे.
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