Gawan (Giridih) : गावां के होली फेथ पब्लिक स्कूल प्रांगण में शुक्रवार को महान शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती मनाई गई. मुख्य अतिथि अखिल भारतीय पासी समाज के गिरिडीह जिलाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने कार्यक्रम का शुभारंभ सावित्री बाई फुले की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया. वक्ताओं ने कहा कि सावित्री बाई फुले भारत की पहली शिक्षिका थीं. उन्होंने यह उपलब्धि तब हासिल की जब महिलाओं का शिक्षा ग्रहण करना तो दूर, उनका घर से निकलना भी दूभर था. सावित्री बाई न केवल समाज सुधारक थीं, बल्कि वह एक दार्शनिक और कवयित्री भी थीं. उनकी ज्यादातर कविताएं प्रकृति, शिक्षा और जाति प्रथा को खत्म करने पर केंद्रित थीं. उन्होंने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया.
वक्ताओं ने कहा कि सावित्री बाई फुले का जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था. उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जमकर उठाई आवाज. जब वह महज 9 वर्ष की थीं तब उनका विवाह 13 साल के ज्योतिराव फुले से कर दिया गया था. पढ़ाई में उनकी रुचि देखकर ज्योतिराव फुले प्रभावित हुए और उन्होंने सावित्रीबाई को आगे पढ़ाने का मन बनाया और पढ़ाई में पूरी मदद की. सावित्री बाई ने अहमदनगर और पुणे में टीचर की ट्रेनिंग लीं और शिक्षक बनीं. उनसे हमें सीख लेने की जरूरत है. समारोह की अध्यक्षता पास समाज के विजय चौधरी व संचालन बिनोद चौधरी ने किया. मौके पर प्रखंड अध्यक्ष रणधीर चौधरी, अरुण चौधरी, महेंद्र चौधरी, सागर चौधरी, हरिहर चौधरी, राहुल कुमार समेत कई लोग उपस्थित थे.
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