Palamu: जिले में कोविड के मरीज भगवान भरोसे हैं. यहां कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. दरअसल पलामू में ऑक्सीजन फ्लो मीटर की अस्पतालों में भारी कमी है. जिसे देखते हुए अस्पताल में देसी जुगाड़ के माध्यम से मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है. बड़े सिलिंडरों में 20mm के सीरिंज का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं ऑक्सीजन के छोटे सिलिंडर में 10mm के सीरिंज का प्रयोग किया जा रहा है. सिलिंडर में सीरिंज के पीछे के हिस्से को काटकर उसे सिलिंडर में फिट किया जा रह है. उसके बाद सेलो टेप से उसे सील किया जा रहा है. ऐसे में मरीज को ऑक्सीजन तो मिल पा रहा है. लेकिन उसकी मात्रा कितनी हो उसका नियंत्रण इस जुगाड़ में संभव नहीं है. पलामू के अधिकतर अस्पताल इसी जुगाड़ के भरोसे चल रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पलामू जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर इतनी सप्लाई के बावजूद भी अस्पताल में इस तरह की स्थिति क्यों बनी हुई है.
जुगाड़ तकनीक के सहारे जिंदगियां
इस जुगाड़ से जरूरत से अधिक ऑक्सीजन की बरबादी हो रही है. इसका उपयोग कभी कभी इमरजेंसी में ही किया जाता है. लेकिन पलामू के अस्पतालों में इसका उपयोग हर जगह हर समय हो रहा है. पलामू के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि, इस तरह के जुगाड़ का उपयोग केवल इमरजेंसी में ही किया जाना चाहिए. लेकिन संसाधनों की कमी के कारण ऐसा हो रहा है. उन्होंने अतिरिक्त जानकारी देते हुए कहा कि ऑक्सीमीटर का स्लॉट पलामू में आ चुका है. और जल्द ही सभी जुगाड़ों को ऑक्सीमीटर लगाकर रिप्लेस कर दिया जाएगा.