LagatarDesk : सरकार के लिए नये वित्त वर्ष की शुरुआत काफी शानदार रही. अप्रैल में रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है. बीते माह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1,67,540 करोड़ रहा. सरकार के खजाने में यह एक महीने में अब तक का सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन है. यह आंकड़ा रविवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया है.
GST Revenue collection for April 2022 highest ever at Rs 1.68 lakh crores. Gross GST collection in April 2022 is all time high, Rs 25,000 crores more that the next highest collection of Rs. 1,42,095 crores, just last month: Ministry of Finance pic.twitter.com/8EB9hlpR2U
— ANI (@ANI) May 1, 2022
एक साल पहले की तुलना में 20 फीसदी अधिक कलेक्शन
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से लगातार जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है. इससे पहले मार्च में सरकार को जीएसटी से 1,42,095 करोड़ प्राप्त हुए थे. इस तरह अप्रैल में सरकार का खजाना 25,445 करोड़ ज्यादा भरा है. वहीं पिछले साल की तुलना में सरकार ने 20 फीसदी अधिक जीएसटी कलेक्ट किया है.
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जीएसटी कलेक्शन में सीजीएसटी का 33,159 करोड़ शामिल
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 में सरकार को सेंट्रल जीएसटी (CGST) से 33,159 करोड़ प्राप्त हुए. इसके अलावा स्टेट जीएसटी (SGST) से 41,973 करोड़ और इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) से 81,939 करोड़ कलेक्ट हुआ. इंटीग्रेटेड जीएसटी में सामानों के आयात से प्राप्त 36,705 करोड़ का कलेक्शन भी शामिल है. सरकार को सेस से 10,649 करोड़ मिले, जिसमें सामानों के आयात से मिले 857 करोड़ भी शामिल हैं.
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पहली बार जीएसटी कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ के पार
वित्त मंत्रालय ने बताया कि सरकार पहले ही इंटीग्रेटेड जीएसटी से सेंट्रल जीएसटी में 33,423 करोड़ और स्टेट जीएसटी में 26,962 करोड़ का सेटलमेंट कर चुकी है. इस तरह रेगुलर सेटलमेंट के बाद अप्रैल 2022 में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का कुल राजस्व सेंट्रल जीएसटी से 66,582 करोड़ और स्टेट जीएसटी से 68,755 करोड़ रहा. ऐसा पहली बार हुआ है, जब ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 1.50 लाख करोड़ रुपये के पार निकला है.
मार्च में 7.7 करोड़ ई-वे बिल हुए जेनरेट
मंत्रालय के अनुसार, मार्च 2022 में 7.7 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट हुए. यह एक महीने पहले यानी फरवरी 2022 में 6.8 करोड़ थे. इस तरह फरवरी महीने की तुलना में मार्च में 13 फीसदी ज्यादा ई-वे बिल जेनरेट हुए. इससे यह पता चलता है कि देश में बिजनेस एक्टिविटीज तेजी से रिकवर हो रही है.
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