Ranchi: गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को हटाने की मांग राज्य सरकार ने कोर्ट से की है. राज्य सरकार ने झारखंड हाइकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर नोकरसिव के आदेश को खत्म करने की गुहार लगायी है. मंगलवार को अनामिका गौतम की क्वॉशिंग याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई.
जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले से जुड़े पक्षों को सुना. और इसके बाद इस मुकदमे की अंतिम सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. राज्य सरकार की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने पक्ष रखा है. वही अनामिका गौतम की तरफ से झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस मजूमदार और दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा है. अब 27 जनवरी को अदालत अंतिम सुनवाई के उपरांत क्या फैसला सुनाता है, यह देखना काफी दिलचस्प है.
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देवघर में जमीन खरीद का है मामला
बता दें कि देवघर में जमीन खरीद के मामले में अनामिका गौतम के खिलाफ विष्णुकांत झा एवम किरण सिंह ने दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज करवाई है जिसमें अनामिका गौतम के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाए गए हैं. विष्णु कांत झा के द्वारा की गयी शिकायत में कहा गया है कि जिस जमीन का सरकारी मूल्य लगभग 20 करोड़ रुपये है उस भूमि को सिर्फ 3 करोड़ रुपये में निबंधित करा लिया गया है.
इतना ही नहीं भुगतान की राशी नगद स्वरूप अनामिका गौतम और उनकी कंपनी के द्वारा करायी गयी है और यह नियम के विरुद्ध है. इतने बड़े पैमाने पर नगदी लेनदेन का प्रावधान नहीं है. इन सभी लोगों ने मिलकर झारखंड सरकार और केंद्र सरकार को बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व घाटा पहुंचाने की साजिश रची है.मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने अनामिका गौतम के खिलाफ किसी भी तरह की पीड़के कार्रवाई पर रोक का आदेश पूर्व में पारित किया था.
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