Gaurav Prakash
Hazaribagh: झारखंड पुलिस को 70 नए पुलिस पदाधिकारी मिले हैं. इसमें पुलिस उपाधीक्षक, कारा अधीक्षक, जिला समादेष्टा और प्रोबेशन पदाधिकारी शामिल हैं. इनमें से 26 नवनियुक्त पदाधिकारी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. इनमें 20 पुलिस उपाधीक्षक, दो जिला समादेष्टा, तीन प्रोबेशन पदाधिकारी और एक कारा अधीक्षक हैं. तीन छात्र एमबीए किए हैं. वहीं दो छात्र विधि डिग्री प्राप्त कर अपनी सेवा दे रहे थे. ऐसे में कहा जाए तो आधे से अधिक नवनियुक्त पदाधिकारी प्रोफेशनल डिग्री लिए हुए हैं.
महत्वपूर्ण बात यह है कि हजारीबाग से सर्वाधिक 11 प्रशिक्षु इस सत्र में ट्रेनिंग पा रहे हैं. वहीं दूसरे स्थान पर रांची और गिरिडीह के अभ्यर्थी हैं. तीसरे स्थान पर गुमला और बोकारो के अभ्यर्थी हैं. झारखंड पुलिस के लिए बुधवार का दिन बेहद खास है. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से पुलिस उपाधीक्षक, कारा अधीक्षक, जिला समादेष्टा एवं प्रोफेशन पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया.
डीजी ने किया प्रशिक्षण का शुभारंभ
प्रशिक्षण का उद्घाटन पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण अनुराग गुप्ता ने किया. पहले दिन नवनियुक्त पदाधिकारियों का परिचय सत्र चला. इस दौरान छात्रों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता और पहले जहां काम कर रहे थे, उसकी जानकारी दी. परिचय सत्र के दौरान डीजी ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को अहम जानकारी दी. बताया कि आज से वे लोग झारखंड पुलिस परिवार के अंग बन गए हैं. उनकी पहली जिम्मेवारी है कि आम जनता को अपनी सेवा दें. सेवा कानून के दायरे में होनी चाहिए. जीवन में अनुशासन बेहद जरूरी है. खासकर ट्रेनिंग के दौरान अगर कोई भी अभ्यर्थी अनुशासन तोड़ेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को सम्मान देना उनकी जिम्मेवारी है. उनका यह नैतिक दायित्व है कि देश सेवा में अपना अहम योगदान दें. अनुराग गुप्ता ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि उनके माता-पिता और गुरुजनों ने उनको इस लायक बनाया कि वे आज बड़े मुकाम पर पहुंचे हैं. पुलिस महानिदेशक ने जोर देते हुए कहा कि ट्रेनिंग के दौरान कोई भी अभ्यर्थी ट्रेनर्स के साथ गलत व्यवहार नहीं करेंगे. वहीं उन्होंने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनलोगों को भारत भ्रमण भी कराया जाएगा. राज्य के दूसरे जिला आयोग और अन्य कार्यालयों में भेजकर ट्रेनिंग दी जाएगी.
डीजी ने कहा कि दो साल के इस ट्रेनिंग सत्र में एक साल अकादमी में होगा और एक साल फील्ड ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भारतीय दंड विधान, दंड प्रक्रिया संहिता, लघु अधिनियम, भारतीय संविधान, हथियार चलाना, मानवाधिकार और सामुदायिक पुलिसिंग समेत अन्य विषयों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी. अधिक संख्या में इंजीनियर और प्रोफेशनल आने पर अनुराग गुप्ता ने शुभम संदेश से बात करते हुए कहा कि उनके लिए सभी अभ्यर्थी एक समान हैं. सभी को एक जैसी ट्रेनिंग मिलेगी. अगर कोई प्रोफेशनल पुलिस विभाग में आते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह बहुत तेज या किसी विशेष क्षेत्र में महारथ हासिल किए हैं. ट्रेनिंग के दौरान उनका एक नया जीवन शुरू हुआ है. सभी को एक समान ट्रेनिंग देकर झारखंड पुलिस को सशक्त किया जाएगा.
कुल संख्या – 70
- पुलिस अधीक्षक – 39
- जिला समादेष्टा – 13
- प्रोबेशन पदाधिकारी – 16
- कारा अधीक्षक – 2