Hazaribagh: हजारीबाग जिला के चौपारण में पिछले 48 घंटों से बिजली ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण ताजपुर की बड़ी आबादी प्रभावित है. वहां करीब 60 घरों में बिजली नहीं है. जिससे लोग काफी परेशान हैं. ग्रामीणों के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी विभाग ने संज्ञान नहीं लिया. लोगों का कहना है कि विभाग सिर्फ बिजली काटने और केस करने में व्यस्त है. जले ट्रांसफार्मर की जगह नया ट्रांसफार्मर लगाने की मांग करने के लिए लोग बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचे. उन्होंने सहायक और कनीय अभियंता को बिजली समस्या से अवगत कराया. अभियंताओं की ओर से आश्वासन दिया गया कि जल्द बिजली लाने की पहल की जाएगी.
लोगों ने बताया कि ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण चौपारण बाजार का एक भाग अंधेरे में है. वहीं व्यवसाय पूरी तरह से ठप है. पेजयजलापूर्ति भी नहीं हो पा रही है. इधर कुछ लोग चंदा कर जले हुए ट्रांसफार्मर को खोल कर नया ट्रांसफार्मर लाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं.
बिजली नहीं रहने से ग्रामीण आक्रोशित
ताजपुर के रहने वाले रीतेश कुमार ने कहा कि विभाग सिर्फ वसूली अभियान में लगा है. उपभोक्ताओं की समस्याओं से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है. सांसद-विधायक कहते हैं कि जले हुए ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में बदल दिया जाएंगे. लेकिन अबतक इसकी कोई पहल नजर नहीं आ रही.
जब बिल देते हैं, तो विभाग बिजली क्यों नहीं देता- शिव सिंह
वहीं बिजली नहीं रहने से आक्रोशित शिव सिंह कहते हैं कि जब विभाग बिल वक्त पर लेता है, तो बिजली क्यों नहीं देता. विभाग का दायित्व है कि उपभोक्ताओं की बिजली समस्या आती है, तो उसे तुरंत दूर किया जाए. जैसे बिल वसूली में तेजी दिखाई जाती है, वैसे ही ट्रांसफार्मर बदलने में भी शीघ्रता होनी चाहिए.
चंदे का पैसा ले लो, पर बिजली दे दो- रिक्की जैन
वहीं बिजली नहीं रहने से परेशान रिक्की जैन ने कहा कि चंदे का पैसा ले लो, पर बिजली जल्द दे दो. बिजली नहीं रहने से काफी परेशानी हो रही है. बिजली आधारित व्यवसाय ठप हो रहा है. मोबाइल भी जवाब दे दे रहा है. कितने दिनों तक मोमबत्ती और इनवर्टर से काम चलाएंगे. अब तो इनवर्टर की बैट्री भी जवाब देने लगी है.
उपभोक्ताओं की समस्याओं से विभाग को मतलब नहीं- झुन्नू सिन्हा
झुन्नू सिन्हा ने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं से विभाग को मतलब नहीं है. उसे तो सिर्फ समय पर बिल का भुगतान चाहिए. कभी उपभोक्ताओं की समस्या को जानने का प्रयास भी बिजली विभाग की ओर से नहीं किया जाता है. बिल की राशि जमा करने में जरा भी देरी होने पर विभाग लाइन काट देता है.
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